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छुट्टियों का मौसम आता है तो लोग प्लानिंग करने लगते हैं। कोई घूमने जाता है तो कोई रिश्तेदारों के यहां हाजिरी लगा आता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो छुट्टियों में घर पर आराम फरमातें हैं। जी भर के सोते हैं और टीवी पर आने वाले हर फिल्म को देखते हैं। जैसे ही विज्ञापन आता है, चैनल चेंज… मूवी चेंज… और मूड भी चेंज। टीवी पर कुछ फिल्में जरूर आती हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित ये फिल्में आंखों के सामने पड़ती हैं तो रिमोट अपने आप किनारे रखा जाता है।
फिरकी से ऐसी ही फिल्मों की लिस्ट बनाई है, कमेंट बॉक्स में बताएं… इनमें से कौन सी फिल्म आप हर बार देखते हैं।
अशोक चक्र से सम्मानित नीरजा भनोट पर बनी फिल्म नीरजा एक सच्ची घटना पर आधारित है। एयर होस्टेस कैसे लोगों की जिंदगी को बचाती है, ये सब इस फिल्म में बड़ी बारीकी से दिखाया गया है। छुट्टियों के दिनों में किसी न किसी चैनल पर ये फिल्म जरूर टकरा जाती है।
केबल टीवी पर आने वाले सिनेमा चैनलों की फेवरेट फिल्मों से एक है ये। छुट्टियां, गर्मियों की हो या किसी बड़े त्योहार की। ये फिल्म, टीवी चैनल्स पर जरूर आने लगती है। शनि देओल वाली फिल्म बॉर्डर ने कई बड़े सितारे थे। 1971 के भारत-पाक युद्ध के एलान से पहले सनी देओल (मेजर कुलदीप सिंह) को लोनगेवाला पोस्ट पर तैनात किया जाता है। जितने भी जवान पाकिस्तान से लोहा लेते हैं उनकी अपनी निजी जिंदगी में अपनी परेशानियां हैं, लेकिन सभी जवान… इन सबको ताक पर रखकर देश के लिए लड़ते हैं। सच्ची घटना पर बनी इस फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि कैसे-कैसे अलग जगहों से आए लोग एक साथ होकर देश के लिए लड़ते हैं।
हॉकी के बैकग्राउंड पर बनी फिल्म चक दे इंडिया में शाहरुख ने ऐसे कोच का रोल निभाया है जो इंडियन टीम को किसी भी हाल में वर्ल्ड कप जिताना चाहता है। फिल्म में उन सारी वजहों की ओर इशारा किया गया जिसकी वजह से हॉकी का बंटाधार हुआ है। टीम में डिसिप्लिन, सीनियर और जूनियर के बीच का रिलेशन, मैदान में अच्छे खेल की कमी, टीम के लिए एडमिनिस्ट्रेशन का उदासीन रवैये से हॉकी को होने वाले नुकसान को दिखाया गया है। एक कोच और उसकी टीम की उम्मीदों, सपनों और हिम्मत की कहानी है चक दे इंडिया। खेल पर बनी गिनी चुनी फिल्मों में से एक ये फिल्म टीवी पर हर छुट्टी पर एकआध बार तो आ ही जाती है। फिल्म भी ऐसी है जिससे हर बार निपटा के ही दम लेते हैं लोग।
झारखंड का एक साधारण सा लड़का कैसे सवा सौ करोड़ लोगों के सपनों को पूरा करता है, ये कहानी आपको रोमांचित कर देगी। कैप्टन कूल की जिंदगी पर बनी ये फिल्म जब भी किसी चैनल पर दिख जाती है तो वर्ल्ड कप जीतने वाली यादें फिर से ताजी हो जाती है। फिर तो रिमोट, विज्ञापन के वक्त भी हाथ नहीं लगाया जाता है।
सिर्फ एक हथौड़े और छेनी से 25 फिट ऊंचे पहाड़ को काटकर 360 फुट लंबी और 30 फुट चौड़ी सड़क बनाने वाले मांझी की कहानी भी टीवी पर अक्सर दिख ही जाती है। कमाल की बात ये है कि हर बार इस फिल्म को देखने का मन करता है।
वैसे तो भगत सिंह पर कई सारी फिल्में बनी हैं लेकिन अजय देवगन वाली लिजेंड ऑफ भगत सिंह सबसे ज्यादा पसंद की जाती है।
सरदार बल्लभ भाई पटेल की जिंदगी के आखिरी 5 साल पर बनी ये फिल्म, खुद के अंदर इतने अनछुए पहलू समेटे हुए है कि जितनी बार भी ये फिल्म आती है। उतनी ही बार ये फिल्म देखी जाती है।
फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह के जीवन और संघर्ष की कहानी देखकर आप रोमांचित हो जाएंगे। फरहान अख्तर ने इस फिल्म के किरदार में ढलने के लिए बहुत मेहनत की थी। शायद इसलिए ही पर्दे पर जो उभर कर सामने आया है वो बेहद रोमांचक लगा। इसीलिए हम हर बार फिल्म को देखते हैं।