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आज जब टीवी देखते वक्त आपके हाथ में रिमोट रहता है और हर पल आप दूसरा चैनल बदलते हैं, तभी चैनल बदलते-बदलते अगर ये फिल्में आ जाती हैं तो आपकी नजरें उन्हीं पर टिक जाती हैं और आप रिमोट उठाकर एक तरफ रख देते हैं। फिर आप फिल्म के बीच बीच में आने वाले विज्ञापनों की भी परवाह नहीं करते और पूरी फिल्म देखते हैं। जी हां, फिरकी ने यहां ऐसी ही 10 फिल्मों की लिस्ट बनाई है, जो कम बजट की जरूर थीं, लेकिन कहानी और कलाकारों की अदाकारी से फिल्में अमर हो गईं। आप चाहें तो अपनी पसंद की फिल्मों के नाम कमेंट्स बॉक्स में सुझा सकते हैं।
भोजपुरी, अवधी और हिंदी के संवादों से सजी फिल्म अपने जमाने की सुपरहिट साबित हुई थी लेकिन आज भी यह फिल्म बार-बार देखी जा सकती है। फिल्म की कहानी और इसमें की गई कलाकारों की अदाकारी में ऐसी कशिश मौजूद है कि हर आम आदमी खुद को फिल्म से जोड़ लेता है। फिल्म के गाने आज भी लोगों की जुबां पर हैं। होली के त्योहार में इसका 'जोगी रे' गाना जरूर बजता है। फिल्म में चंदन की भूमिका में सचिन और गुंजा की भूमिका में साधना सिंह थे। बाकी कलाकारों में इंदर कुमार, मिताली, सविता बजाज, शीला डेविड, लीला मिश्रा और सोनी राठौर थे।
फिल्म का पहला हिस्सा केशव प्रसाद मिश्रा की हिंदी उपन्यास 'कोहबर की शर्त' पर आधारित था। राजश्री प्रोडक्शन ने इस फिल्म को बनाया था। 1994 में राजश्री प्रोडक्शन ने ही इस फिल्म को फिर से बनाया 'हम आपके हैं कौन' के रूप में। फिल्म की कहानी एक जैसी थी और बस परिवेश और कलाकारों का अंतर था। यह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई थी। इंटरनेट पर खंगालने पर नदिया के पार फिल्म के बजट की जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन फिल्म के फिल्मांकन और लोकप्रियता ने साबित किया है कि यह अपने जमाने की कम बजट की फिल्म थी, जिसमें गांव, बैलगाड़ी, नाव आदि दिखाए गए और इस फिल्म की तासीर और इसे देखने की लालसा वैसी ही है।
1975 में आई फिल्म चुपके चुपके में कई बड़े कलाकार थे। महानायक अमिताभ बच्चन, हीमैन धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, जया बच्चन, ओम प्रकाश, ऊषा किरन, डेविड अब्राहम चेउलकर, असरानी और केस्टो मुखर्जी। रिषीकेश मुखर्जी की इस फिल्म में बड़े कलाकारों का इतनी संख्या में होना और फिर भी महज 9 लाख 91 हजार रुपये के बजट में तैयार होना साबित करता है कि फिल्म की कहानी पढ़कर कलाकार इसमें काम करने से खुद को रोक नहीं पाए। फिल्म इतनी चुलबुली है कि आज भी इसे देखने की लालसा बनी रहती है। यह फिल्म उपेंद्र नाथ गांगुली की बंगाली कहानी 'चड्डोबेशी' पर आधारित थी। फिल्म का संगीत एसडी बर्मन की धुनों से सजा है जो दिल में उतर जाता है।
1968 में इस फिल्म ने अपनी कॉमेडी और गानों से तहलका मचा दिया था। इस फिल्म के बाद लोग अपनी पड़ोसन के बारे में कल्पना करने लगे होंगे। सुनील दत्त, शायरा बानो, किशोर कुमार और महमूद फिल्म में मुख्य भूमिका में थे। फिल्म का एक गाना 'एक चतुर नार बड़ी होशियार' तो अपने आप में एपिक है। इस गाने को किशोर कुमार और मन्ना डे ने गाया था। आरडी बर्मन ने संगीत दिया था। फिल्म को महमूद और एनसी सिप्पी ने प्रोड्यूस किया था। यह फिल्म बंगाली फिल्म पासेर बारी का रीमेक थी। फिल्म का बजट क्या था और इसने कितनी कमाई की, इसकी जानकारी इंटरनेट पर नहीं मिल पाई है, लेकिन फिल्म इतनी रोचक है कि आज भी इसे कई बार देखा जा सकता है।
1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया आज भी टीवी पर आए तो आप चैनल नहीं बदलेंगे। साइंस फिक्शन पर आधारित यह फिल्म है ही इतनी जबरदस्त। फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पुरी मुख्य भूमिका में थे। खासकर फिल्म के विलेन मोगैंबो को तो भुलाया ही नहीं जा सकता है। अमरीश पुरी के पूरे करियर के सबसे बेहतरीन रोल्स में एक मोगैंबो का रोल कहा जाता है। फिल्म के कुछ गानों में श्रीदेवी कमाल की लगी थीं। इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना को ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने फिल्म साइन नहीं की। भारतीय सिनेमा के सौ साल पूरे होने पर इस फिल्म को सौ महान फिल्मों में शामिल किया गया था। फिल्म को शेखर कपूर ने डायरेक्ट किया था। उस वक्त फिल्म को बनाने की लागत 30 मिलियन यानी करीब तीन करोड़ रुपये आई थी और फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 120 मिलियन रहा था।
2015 में आई फिल्म मसान की जितनी तारीफ की जाए कम हैं। फिल्म में न तो कोई बड़ा सुपरस्टार और न ही महंगी लोकेशंस थीं, लेकिन फिल्म की कहानी और फिल्मांकन इतना शानदार था कि इसे बार बार देखा जा सकता है। रिचा चड्डा, विक्की कौशल, संजय मिश्रा और श्वेता त्रिपाठी फिल्म में मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म को 'गैग्स ऑफ वासेपुर' में अनुराग कश्यप को असिस्ट करने वाले नीरज घायवान ने डायरेक्ट किया था। फिल्म का बजट कितना था, पता नहीं, लेकिन ये है इतनी शानदार के आपके दिल तक उतर जाती है।
भारतीय सेना में फौजी और एथलीट रहे पान सिंह तोमर की जिंदगी पर आधारित फिल्म ने इरफान को नेशनल अवॉर्ड तक दिलाया। हालातों के चलते पान सिंह तोमर डकैत बन जाता है और फिर कहानी क्या होती है, यह फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म को तिग्मांशु धूलिया ने डायरेक्ट किया और इरफान खान के अलावा माही गिल, विपिन शर्मा और नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्म में मुख्य भूमिका में थे। फिल्म की लागत 45 मिलियन यानी 4 करोड़ 50 लाख रुपये थी। 2012 में आई इस फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 384 मिलियन रहा था।
2013 में आई द लंच बॉक्स बड़ी साधारण सी फिल्म थी, लेकिन इसकी कहानी अपने आप में यूनिक थी। फिल्म में मुख्य भूमिका में इरफान खान, निमरत कौर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी थे। 22 करोड़ की लागत से बनी इस फिल्म ने 100.85 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था।
2014 में आई फिल्म क्वीन ने कंगना रनौत को बीटाउन की हीरोइनों का हीरो बनाने में बड़ी भूमिका अदा की है। फिल्म में कंगना के अलावा लीजा हेडन और राजकुमार राव थे, लेकिन सब पर कंगना ही भारी रहीं। इसकी एक वजह यही थी कि फिल्म वुमेन ओरिएंटेड थी। फिल्म का बजट 12.5 करोड़ रुपये था। इसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 108 करोड़ रुपये रहा था।
2011 में आई फिल्म तनु वेड्स मनु इतनी पसंद की गई कि बाद में इसका दूसरा पार्ट भी आया। दोनों ही बार फिल्म ने धमाल मचाया। फिल्म में कंगना के अलावा आर माधवन, दीपक डोबरियाल और जिमी शेरगिल मुख्य भूमिका में थे, लेकिन सबका आकर्षण कंगना ही लूट ले गईं। फिल्म ऐसी है कि कई बार देखी जा सकती है। फिल्म की लागत 17.50 करोड़ आई थी, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 50 करोड़ रहा था।
2007 में आई फिल्म तारे जमीन पर को आमिर खान ने प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया था। आमिर इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में बाल कलाकार की भूमिका में दरशील सफारी थे और उन्हीं के इर्द-गिर्द फिल्म की कहानी बुनी गई थी। फिल्म की कहानी और गाने आज भी बच्चों से लेकर बड़े तक पसंद करते हैं। फिल्म की लागत 120 मिलियन आई थी और बॉक्स ऑफिस पर इसका कलेक्शन 889 मिलियन रहा था।
सोर्स- विकिपीडिया