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आमिर की एक फिल्म आने वाली है - दंगल। अब तक तो आप सबको पता चल ही गया होगा। दंगल एक बायोपिक है जो पहलवान महावीर फोगट के जीवन पर आधारित है। इसी फिल्म के सेट पर आमिर मीडिया-बंधुओं से मुखातिब हुए और ढ़ेर सारी बातें हुईं।
पहली बात तो ये हुई कि हमारे मिस्टर परफेक्शनिस्ट को सलमान की बॉडी बेहद पसंद है और दंगल के लिए अपनी बॉडी पर इतनी मेहनत करने के बावजूद वो बस इतना चाहते हैं कि उनकी बॉडी सलमान जैसी नहीं लग सकती, तो उनके करीब ही लगे। बातों-बातों में मीडिया ने आमिर से कुछ दिलचस्प सवाल भी पूछे और उन्होंने बेझिझक उसका जवाब दिया। सवाल ये था कि अगर मम्मा- पापा दोनों काम में बिज़ी रहते हैं तो नन्हें आज़ाद राव खान का ख़्याल कौन रखता है? या फिर क्या काम के चक्कर में पैरेंट्स आज़ाद के बचपन को वक्त नहीं दे पा रहे हैं?
आमिर ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किरण हर वक्त आज़ाद का ख्याल रखती हैं और जब वे किसी काम से बाहर जाती हैं या अपनी मामी के पास (विदेश) जाती हैं तो वे आज़ाद के साथ पूरा वक्त बिताते हैं। अपना पूरा रूटीन सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ती है तो वे खुद आज़ाद को सुबह उठाते हैं, उन्हें नहलाकर स्कूल के लिए तैयार करते हैं, नाश्ता कराते हैं और स्कूल छोड़ने भी जाते हैं। उसके बाद फिर दोपहर में स्कूल से पिक-अप करते हैं फिर शाम को उनके साथ टेबल-टेनिस के लिए जाते हैं, रात में खाना खिलाते हैं और फिर बिस्तर पर उन्हें कहानी सुनाते हैं। आज़ाद के साथ कोई समझौता नहीं होता। इस पूरे रूटीन के बीच में उन्हें जो वक्त मिलता है, उसमें आमिर अपने काम के लिए वक्त निकालते हैं। ऐसे ही थोड़े हम उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट बुलाते हैं!
तो इस फादर्स डे क्या करने वाले हैं आमिर? इस सवाल के जवाब में आमिर ने कहा कि फादर्स डे पर तो बच्चों को कुछ करना चाहिए न, इसमें बड़ों को क्या करना। वो जिस सरलता से अपनी बातें रखते हैं न.. आपको लगेगा ही नहीं कि आप किसी सेलेब्रिटी से बात कर रहे हैं। बाद में उन्होंने वैलेंटाइंस डे और फादर्स डे जैसे दिनों को
'कार्ड की बिक्री वाला दिन' बताया और कहा कि पिता का तो हर दिन होता है। एक दिन फिक्स कर के हम बाकी दिन पिता को अलग थोड़ी कर सकते हैं। ये सब दिन हमारे बनाये नहीं हैं, इन्हें फॉलो करना भी बहुत ज़रूरी नहीं। हर दिन हमारा ही होता है।