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1947 में देश आज़ाद हो गया था। लेकिन इसके कई सालों बाद तक गोवा पर पुर्तगालियों का कब्ज़ा बना हुआ था। इसको लेकर भी बहुत लम्बी जंग चली थी। आज भी आप गोवा जाएंगे तो आपको कई ऐसे होटल या होम स्टे मिल जाएंगे जो पुर्तगालियों के ही हैं।
गोवा की जो भव्यता आप देखते हैं। पूरे इंडिया से अलग ही एक लुक। ये सब कुछ इन्हीं पुर्तगालियों का ही किया धरा है। ख़ैर ये अलग बात है कि ये हमें अच्छी लग रही हैं।
इसी आधार को लेकर 1983 में एक फिल्म आई थी। फिल्म का नाम था पुकार। अमिताभ बच्चन और रणधीर कपूर हीरो थे। रणधीर कपूर करीना और करिश्मा के पापा का नाम है। है न कमाल की बात कि एक आदमी की पहचान ठीक से बताने के लिए आपको उस आदमी की बेटियों का नाम बताना पड़ रहा है। माइंड इट, अन्ना!
फिल्म की हीरोइन थीं ज़ीनत अमान और टीना मुनीम। टीना मुनीम अब टीना अंबानी हो गई हैं। ये अनिल अंबानी की पत्नी हैं। और जीनत वही हैं दम मारो दम वाली।
वैसे मेरे लिए जीनत हमेशा से वो हीरोइन रही हैं। जिन्होंने (ऐसा मैं कहता हूं) बॉलीवुड को खुल कर बिकिनी पहनना सिखाया था। ख़ैर हम भटक गए। तो पुकार फिल्म आई थी, 1983 में। ये सब लोग हीरो-हीरोइन थे।
इसी फिल्म का एक गाना था। 'समुंदर में नहा के और भी नमकीन हो गई हो'। गाना उस समय का क्या आज तक का भी हिट ही है। चाहे रोमांस का मौका हो चाहे बाराती डांस बजा दो। फिर देखो खेल। कसम से! इस गाने के बनने के पीछे का एक बड़ा ही मस्त सा किस्सा है। थोड़ा आवारगी से भी भरा है। लेकिन सच तो सच है। कलाकारों की अपनी समझ, अपनी नज़र होती है।
पियूष मिश्रा तो 'भट्ठी में भी सेक्स मिले' लाइन को अपनी कविताओं का हिस्सा बनाते हैं। और खुल कर पाठ भी होता है। तो गलत-सही कुछ नहीं होता। नज़रिए का फ़र्क है। और जो चीज़ें गलत हैं उसपर खुल कर चर्चा होती है, होनी चाहिए।
ठीक है तो पहले ये गाना सुनते हैं:
गाना है: समुंदर में नहा के
सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर: दोनों आर.डी.बर्मन
लिरिक्स लिखी थी: गुलशन बांवरा ने
वीडियो:
https://youtu.be/Y1ci3IQfHUM
ये गाना जिस खुलेपन के साथ आपको दिख रहा है। इसके बनने के पीछे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। इस गाने की लिरिक्स लिखी है, गुलशन बावरा ने। वो अपने करियर को लेकर एक बार बात कर रहे थे कि अभी तक लाइफ कैसी रही है। काम कैसा रहा है।
इसी में वो एक किस्सा सुनाते हैं। ढक्कन पार्टी का। जो कि खंडाला में हो रहा था। उसे ढ़क्कन पार्टी इसीलिए बोल रहे थे क्योंकि लोग तब शराब ग्लास के बदले ढक्कन में पी रहे थे। ऐसे ही एक ट्रिप में बावरा और आर.डी.बर्मन खंडाला में पार्टी कर रहे थे। तभी उनके पास एक गाड़ी आके रुकी। गाड़ी से नीचे उतरीं वो थीं ज़ीनत अमान। पुकार फिल्म की हीरोइन।
बावरा आगे बताते हैं। कि ये थोड़ा बारिश वाला मौसम था। जीनत जैसे ही गाड़ी से उतर कर आगे बढ़ने लगीं। उनका पैर स्लीप कर गया। और वो वहीं पानी में गिर गईं। जिससे वो पूरी तरह भीग गईं। फिर कुछ लोगों ने मिलकर उनको पानी से निकाला। पूरी तरह से भीगी हुई ज़ीनत जब निकलीं। तो उन्होंने आर.डी.बर्मन और गुलशन की तरफ देखा। जिसके बाद अनायास ही गुलशन के मुंह से फिसल गया, "भीगने के बाद ज़ीनत और भी खूबसूरत लग रही है"।
बस कलाकारों का क्या है। लाइन एक बार जंच गई तो जंच गई। लिख दिया पूरा का पूरा गाना इसी पर। और गाना तैयार हो गया। समुंदर में नहा के और भी नमकीन हो गई हो। जिसमें ज़ीनत को भीगता हुआ ही दिखाया गया है। साथ में अपने अभिषेक के पप्पा हीरो बने फिर रहे थे। बच्चन अमिताभ!
आज के लिए मेलोडी मंगलवार में इतना ही। फिर मिलेंगे अगले मंगलवार किसी और किस्से के साथ। तब तक के लिए पढ़ते रहिए Firkee.in