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जब हैरी मेट सेजल फिल्म में अनुष्का शर्मा, शाहरुख को बार-बार सेड्यूस करते हुए पूछती हैं, मैं कितनी लायक हूं बताओ। हैरी ने खुद को काफी रोकने की कोशिश की लेकिन वो सेजल की क्यूटनेस के आगे खुद को रोकने की सारी कोशिशों में नाकाम हो गए। फिल्म के रिव्यू पढ़ने के बाद भी आपका दिल शाहरुख को हॉल में देखने के लिए मचल रहा है तो एक बार इन कारणों पर भी गौर फरमा लें।
बात पहले देखने वाले कारणों की कर लेते हैं। अगर आप शाहरुख खान के फैन हैं तो आपको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कोई क्या कह रहा है, लेकिन फिर भी हम आपको बता दें कि 2 घंटे 30 मिनट की फिल्म में शाहरुख खान आपको स्क्रिन 2 घंटे 29 मिनट दिखाई देंगे। आप पूरे टाइम शाहरुख को ही देखते रह जाएंगे, हालांकि टिपिकल टाइप शाहरुख नहीं दिखेंगे आपको, लेकिन टाइट शर्ट और लूज ट्राउजर्स में वो कमाल के हैंडसम दिख रहे हैं।
ये कहना बेइमानी होगा कि अनुष्का ने ‘जब वी मेट’ वाली ‘गीत’ की कॉपी की है, लेकिन करीना के उस किरदार की छवि दिमाग में इस तरह गढ़ी हुई है कि गुजराती सेजल में भी आपको पंजाबी गीत दिखाई देने लगेगी। फिल्म देखकर आपको लगेगा कि अनुष्का ने फिल्म शुरू करने से पहले गुजराती टोन पाने की काफी कोशिश की है और अच्छी बात ये है कि आपको अनुष्का के अंदर वो सारी खूबियां दिखाई देंगी जो एक रईस गुजराती लड़की में अमूमन होती हैं। सॉफ्ट, सेंसिबल और सिंपल…
दुनिया घूमने का शौंक रखते हैं तो देख आइए फिल्म। 250 रुपये देकर आप यूरोप के भी दर्शन कर आएंगे। अंगूठी की तलाश में शाहरुख और अनुष्का यूरोप में मौज लेते हुए घूमते दिखाई देंगे, अंगूठी के लिए उनके चेहरे पर टेंशन नहीं दिखी, शायद इसका कारण हैं वहां की लोकेशंस। अगूंठी की तलाश शुरू होती है एम्सटरडेम से। फिर बर्लिन, बुडापेस्ट और लिस्बन होते हुए पहुंच जाते हैं पुर्तगाल। फिल्म के सीन में पुर्तगाल में पुर्तगालियों से ज्यादा हिंदुस्तानी दिखाई देते हैं। फिल्म में देखकर आपको पुर्तगाल में होमली फील होगा।
इस फिल्म से उम्मीद ज्यादा इसलिए थी, क्योंकि लग रहा था कि इस बार कुछ नया देखने को मिलेगा। शाहरुख ‘दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ और ‘कल हो न हो’ जैसा कुछ करेंगे। लेकिन एक अंगूठी बराबर स्क्रिप्ट ने दर्शकों के दिल को मायूस कर दिया। फिल्म में सबसे ठंडा उसका क्लाइमेक्स दिखाई दिया। जिस अंगूठी के चक्कर में हैरी और सेजल पूरी दुनिया घूम रहे होते हैं उसके मिलने का सीन बिल्कुल ठंडा दिखाया है।
जिस फिल्म से पर्दे पर रोमांस को नए आयाम मिलने की उम्मीद थी, उसमें रोमांस ही मिसिंग लगता है। ऐसा नहीं है कि बिल्कुल ही नहीं है लेकिन उस लेवल का नहीं है जो शाहरुख से उम्मीद की जा रही थी।