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पहलाज निहलानी जब तक सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष रहे, उन पर फिल्मों में अपने मनमाने तरीके से कट लगाने के आरोप लगते रहे। निहलानी के पद पर रहते बहुत से फिल्म निर्माता नींद और अवसाद की बीमारी से ग्रस्त रहे। उन पर आरोप है कि उन्होंने कई फिल्मों से 'किस' सीन तक उड़ा दिए। पिछले तीन वर्षों में फिल्में शूट करते वक्त फिल्म निर्माताओं को दिमाग में कहीं निहलानी लगातार चलते रहे। हर सीन को शूट करते वक्त वे सोचते रहे कि कहीं इस सीन पर रायता न फैल जाए!
निहलानी इस रवैये की वजह से उन्हें नया नाम मिला 'संस्कारी', लेकिन अब जिस तरह से वह बेहद हॉट और बोल्ड सीन्स से भरी फिल्म जूली 2 के डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर सामने आए हैं, उससे उनकी संस्कारी छवि को गहरी चोट पहुंची है। एक संस्कारी आदमी का ऐसी फिल्म से नाता लोगों को हजम नहीं हो रहा है। लोग यहां तक कह रहे हैं कि पहलाज निहलानी अब संस्कारी नहीं, सिन्स करी फिल्म ला रहे हैं। सिन्स करी मतलब पापों की करी।
कुछ लोग उनके इस चुनाव तो इंतकाम के रूप में देख रहे हैं। लोगों का मानना है कि सेंसर बोर्ड से हटाए जाने की खुन्नस में उन्होंने जूली 2 जैसी फिल्म का चुनाव किया है। ताकि जिस सेंसर बोर्ड से उन्हें हटाया गया, वह इस फिल्म को पास ही न कर सके। यानी वह इस फिल्म के जरिये बदला लेकर रहेंगे।
भारतीय फिल्म इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी फिल्म को साफ सुथरी एडल्ट फैमिली फिल्म कहा जा रहा है और कह रहे हैं मिस्टर संस्कारी यानी निहलानी।