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फिल्म देखने से पहले मेरे मन में एक सवाल था, कि नितेश तिवारी ने इस फिल्म की कहानी उस शहर के इर्द-गिर्द क्यों रखी जहां ऑलरेडी एक झुमका गिरा हुआ है। बरेली के झुमके के बाद बरेली की ये बर्फी, आपको 2 घंटे 3 मिनट तक मुस्कुराने, खिलखिलाने और गुदगुदाने के काफी मौके देगी। फिल्म में आयुष्मान खुराना एक प्रेस चलाते हैं। इसके कुछ डायलॉग्स भी आपके दिमाग पर उसी प्रेस के कार्डों की तरह छप जाएंगे। जल्द ही आपको ये डायलॉग्स दोस्तों और दफ्तरों के यंग कलीग्स के बीच सुनने को मिल जाएंगे।
1. फ्रेंडशिप का प्रोटोकॉल निभा रहे हैं, इसलिए पूछने आ गए…
(आयुष्मान खुराना ने राजकुमार राव से कहा)
2. अभी कहां जा रहा है, जो गोबर किया है… उसके उपले बना कर जा (
आयुष्मान खुराना ने राजकुमार राव से कहा)
3. पड़ोसी के लड़के को पेड़ पर चढ़ाया है, आम तोड़कर लाएगा तो खाने को मिलेगा… गिर कर मरेगा तो तेरहवी में खाने को मिलेगा…
(आयुष्मान खुराना ने अपने दोस्त से कहा)
4. पिछवाड़े पर इतनी जोर से लात मारुंगा कि पिंपल निकल आएगा (
राजकुमार राव ने आयुष्मान खुराना के दोस्त से कहा)
5. अगर शक्ल देखकर शादी होती न, तो इस दुनिया के आधे लड़कों की शादी नहीं होती
(राजकुमार राव ने आयुष्मान खुराना से कहा)
6. मेरे हाथ में एक दाढ़ी वाले का खून लिखा है।
(राजकुमार राव ने आयुष्मान खुराना के दोस्त से कहा)
7. लड़की होना एकदम डिजास्टर होता है
(कीर्ती सेनन ने पंकज त्रिपाठी से कहा)