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बॉलीवुड में कादर खान किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वो जितने बेहतरीन एक्टर थे उससे भी उम्दा स्क्रिप्ट राइटर थे। अग्निपथ, लावारिस, सत्ते पर सत्ता जैसी फिल्में लिखने वाले कादर खान अपने डायलॉग से लोगों की बोलती बंद करा दिया करते थे। पर्दे पर जब वो दिखते थे तो उतनी ही संजीदगी से एक्टिंग किया करते थे जितनी गंभीरता से वो कलम चलाते थे। लेकिन कहते हैं न कि वक्त किसी के लिए नहीं रुकता। आज कादर खान को कुछ वैसा ही महसूस होता है।
ये मशहूर डायरेक्टर, एक्टर और कॉमेडियन 79 साल के हो चले हैं। शरीर ने अब साथ देना कम कर दिया है। इस उम्र में उन्हें कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल वो कनाडा में हैं और अपना इलाज करा रहे हैं। हाल ही में उनकी कुछ नई तस्वीरें सामने आई हैं जिसको देखकर एक बार फिर कादर खान की चर्चा तेज हो चली है।
वेबसाइट स्पॉटब्याय के मुताबिक कादर खान को सुनने में तो तकलीफ थी ही लेकिन अब बोलने में भी परेशानी हो चली है। पुराने लोगों को पहचानने में कादर खान की आंखें नाकाम हो जाती हैं। वो सिर्फ अपने बेटे और बहू की बात को ही समझ पाते हैं। कादर का दिल सिर्फ अपने पोते-पोतियों के साथ ही लगता है, बाकि किसी से मिलना वो पसंद नहीं करते हैं।
पिछले दिनों कादर खान के बेटे सरफराज ने बताया था कि सर्जरी के बाद कादर खान के घुटने तो ठीक हो गए लेकिन पैरों का कॉफिडेंस खो गया है। वो अपने पैरों को खड़े होने से डरने लगे हैं। एक बार कादर खान की मौत की अफवाह भी उड़ी थी, जिसे सुनकर वो काफी नाराज हुए थे, वो आखिरी फिल्म हो गया दिमाग का दही में दिखाई दिए थे।