Home Bollywood When Aamir Khan Did Promotion Through Pasting His On Film Posters On Auto Rickshaws

....जब सड़क पर ऑटो रोककर अपनी फिल्म के पोस्टर चिपकाया करते थे आमिर खान

Updated Tue, 25 Apr 2017 11:30 AM IST
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When Aamir Khan did promotion through pasting his on film posters on Auto rickshaws
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इस बार का बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड भले ही आमिर खान को उनकी फिल्म दंगल के लिए न मिला हो, लेकिन उनके फैंस जानते हैं कि वह किरदार निभाने के मामले में समझौता नहीं करते हैं। वह जिस किरदार में उतरते हैं, उसकी असली छाप छोड़ने के लिए जो करना पड़े, करते हैं, फिर चाहें शरीर का वजन बढ़ाना-घटाना हो, बाल लंबे करने हों या मूछें बढ़ानी हों। इसीलिए उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है। जैसा कि हर सफल इंसान के पीछे कोई न कोई कहानी होती है, आमिर की सुपरस्टार की छवि पीछे भी एक ऐसे इंसान की कहानी हैं जो संजीदगी, संवेदानाओं से भरी बिलकुल एक आम इंसान के जैसी है। अगर आप पहली बार यह कहानी पढ़ रहे हैं तो चौंकेंगे।

बहुत कम लोगों को पता है कि आमिर की लीड रोल वाली पहली फिल्म 'कयामत से कयामत तक' जब आई तो उन्हें इस फिल्म के प्रमोशन के लिए इसके पोस्टर खुद चिपकाने पड़े थे। आमिर मुंबई में चलने वाले तमाम ऑटो के पीछे फिल्म के पोस्टर चिपकाते थे। कई बार आमिर को ऑटो चालकों की नराजगी का सामना करना पड़ता था। एक बार तो एक ऑटो चालक आमिर से एकदम भिड़ ही गया था। आमिर ने जब उसे समझाया कि फिल्म के हीरो वे ही हैं, तब जाकर ऑटो चालक ने पोस्टर देखा और शांत हुआ। उस वक्त किसी ने सोचा नहीं था जो शख्स पोस्टर चिपका रहा है वो आगे चलकर इतना बड़ा स्टार बनेगा। 
 

आमिर शौकिया तौर पर पोस्टर चिपकाने का काम नहीं करते थे। दरअसल यह उनकी लगन थी जो उनसे यह करवा रही थी। सच तो यह है फिल्म कयामत से कयामत तक कम बजट फिल्म थी और प्रमोशन के लिए उतने पैसे नहीं थे। इसलिए इस फिल्म के हीरो आमिर ने उसके पोस्टर खुद चिपकाकर फिल्म के प्रमोशन का वीणा उठाया था। 



आमिर के पिता अपने जमाने के मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर ताहिर हुसैन चाहते थे कि आमिर पढ़-लिखकर डॉक्टर या इंजीनियर बनें। लेकिन आमिर को शुरू से टेनिस और फिल्मों में दिलचस्पी थी। आमिर फिल्मों बतौर डायरेक्टर करियर शुरू करना चाहते थे। इसलिए आमिर ने एकबार अपने पिता से पुणे के  फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट में दाखिले के लिए भी इच्छा जताई थी।



आखिर में आमिर के पिता ने उन्हें उनके चाचा नासिर हुसैन को असिस्ट करने की इजाजत दी। नासिर हुसैन अपने जमाने के प्रोड्यसर-डायरेक्टर थे। आमिर ने उनके साथ एक के बाद एक कई फिल्मों में बतौर असिस्टेंट काम किया। आमिर की पहली फिल्म होली थी जो 1984 में आई थी। 1988 में मंसूर खान निर्देशित कयामत से कयामत तक से आमिर ने बतौर लीड हीरो फिल्मी सफर शुरू किया और आज उनकी शख्सियत सबके सामने हैं।

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