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कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा... यह सवाल 2015 में आई बाहुबली द बिगनिंग से बना हुआ था। शुक्रवार बड़े पर्दे पर फिल्म आते ही इस सवाल से पर्दा उठ गया। माहिष्मति साम्राज्य के सेवक कटप्पा ने उसके पुर्खों से चली आ रही रीत को निभाने के लिए अप्रिय काम को अंजाम दिया। रीत जान देकर भी माहिष्मति के महराज की बात पर अमल करनी की थी।
कटप्पा हालांकि इस रीत को तोड़ना चाहता था, लेकिन षड़यंत्रवश पुत्र और पति के मोहपाश में फंसी राजमाता शिवगामी देवी जब कटप्पा से कहती हैं कि बाहुबली को तुम नहीं मारोगे तो हम मार देंगे तो इस बात पर कटप्पा बाहुबली को मौत के घाट उतारने के लिए विवश हो जाता है। कटप्पा के मुसीबत में फंसे होने की खबर बाहुबली को मिलती है। बाहुबली कटप्पा को बचाने आते हैं। तभी अचानक कालकेय की सेना आ धमकती है।
सेना कटप्पा और बाहुबली पर हमला बोल देती है। कटप्पा के हाथ-पैर लाहे के तार से बंधे होते हैं। बाहुबली पीठ पर दर्जन भर तीरों के प्रहार को सहकर भी उन्हीं में से एक तीर निकालकर कटप्पा के हाथों को मुक्त करते हैं।
कटप्पा और बाहुबली कालकेय की सेना को भीषण लड़ाई में निपटा देते हैं। लड़ाई के अंतिम दौर में कटप्पा को बाहुबली बचाव के लिए तलवार फेंककर देते हैं। कटप्पा बिना देखे ही पीछे की तरफ से आई तलवार को लपक लेते हैं। उधर बाहुबली कालकेय के बचे हुए सैनिकों से निपट रहे होते हैं और कटप्पा को शिवगामी देवी को दिया हुआ वचन याद आता है और वह बाहुबली पर पीछे वार कर देता है।
कटप्पा के हाथों चलाई गई बाहुबली की ही तलवार बाहुबली के धड़ को भेदती हुई आर-पार हो जाती है। बाहुबली इस घटनाक्रम से पहले कटप्पा से बेहद मार्मिक डायलॉग बोलते हैं-
जब तक तुम साथ हो, बाहुबली को कौन मार सकता है मामा। आखिर में मामा ही बाहुबली को मारते हैं और मरते हुए बाहुबली अपनी पत्नी और पुत्र के बारे में कुछ न कहते हुए इतना कहते हैं कि मां का ख्याल रखना। कटप्पा की आंखों से आंसुओं का सैलाब बहता है। कटप्पा मांफी मांगते हैं। बाहुबली चल बसते हैं। इस पूरे घटनाक्रम में आग की लपटें सीन को और मार्मिक बना देती हैं। यह सीन दर्शकों को बोझिल महसूस होता है।