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भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, और इस लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार मिले हैं फिर चाहे वो पुरूष हो या महिला, लेकिन आज भी महिलाओं को वो स्थान नहीं मिला है जो उन्हें मिलना चाहिए। आज हम 21वीं सदीं में जी रहे हैं, महिलाओ और पुरूषों में भेदभाव आज भी है। सारी समस्याओं, दिक्कतों के बावजूद भी कुछ महिलाएं ऐसी हुई हैं, जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अमर किया हैं और अब भी कर रही हैं इन महिलाओं ने आसमान को छुआ हैं, वो सच में काबिलेतारीफ।
1.सरला ठकराल
सरला ठकराल भारत की प्रथम महिला विमान चालक थी। 1936 में सरला ठकराल एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने ‘जिप्सी मॉथ’ को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
2.सिन्धुताई सपकाल
सिन्धुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए समाजिक कार्य करनेवाली मराठी समाज की कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपने जीवन मे अनेक समस्याओं के बावजूद अनाथ बच्चों को सम्भालने का कार्य किया है। इसिलिए उन्हे “माई” (माँ) कहा जाता है। उन्होने 1050 अनाथ बच्चों को गोद लिया है। उनके परिवार मे आज 207 दामाद और 36 बहूएँ है। 1000 से भी ज्यादा पोते-पोतियाँ है। सिन्धुताई को कुल 273 राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए है जिनमे “अहिल्याबाई होऴकर पुरस्कार है जो स्रियाँ और बच्चों के लिए काम करनेवाले समाजकर्ताओंको मिलता है महाराष्ट्र राज्य सरकार द्वारा।
3.मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम
मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम (एम सी मैरी कॉम) जिन्हें मैरी कॉम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। मैरी कॉम पांच बार विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं। 2012 के लंदन ओलम्पिक मे उन्होंने काँस्य पदक जीता। 2010 के ऐशियाई खेलों में काँस्य तथा 2014 के एशियाई खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया।
4.लक्ष्मी सहगल
लक्ष्मी सहगल भारत की स्वतंत्रता संग्राम की सेनानी हैं। वे आजाद हिन्द फौज की अधिकारी तथा आजाद हिन्द सरकार में महिला मामलों की मंत्री थी। वे व्यवसाय से डॉक्टर थी जो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय प्रकाश में आई। वे आजाद हिन्द फौज की ‘रानी लक्ष्मी रेजिमेन्ट’ की कमाण्डर थी। आजाद हिंद फौज की रानी झाँसी रेजिमेंट में लक्ष्मी सहगल बहुत सक्रिय रहीं। बाद में उन्हें कर्नल का ओहदा दिया गया लेकिन लोगों ने उन्हें कैप्टन लक्ष्मी के रूप में ही याद रखा।
5.दुर्गावती
दुर्गावती एक जानीमानी भारतीय क्रांतिकारी और जासूस थी जिन्होंने भगत सिंह की एक ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी पत्नी के रूप में खुद को प्रस्तुत करके ब्रिटिश पुलिस के चंगुल से बचने में उनकी मदद की थी।
6.शकुन्तला देवी
शकुन्तला देवी जिन्हें आम तौर पर “मानव कम्प्यूटर” के रूप में जाना जाता है, बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा की धनी एवं मानसिक गणितज्ञ थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनका नाम 1982 में ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया। शकुन्तला देवी के अंदर पिछली सदी की किसी भी तारीख का दिन क्षण भर में बताने की क्षमता थी। उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी। वह ज्योतिषी भी थी।
7.मतंगिनी हाजरा
मतंगिनी हाजरा 73 साल की थी जब एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेते समय ब्रिटिश भारतीय पुलिस द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या की गई थी। जब एक के बाद एक गोली उनके सीने में उतारी जा रही थी तब वो भारतीय ध्वज को उच्च शिखर पर फहरा रही थी तो बाबजूद गोली लगने के वह वन्देमातरम का उद्घोष कर रही थी।
8.सुनीता कृष्णन
सुनीता कृष्णन के साथ महज 15 साल की उम्र में 8दरिंदो ने बलात्कार किया। ये समाज से बहिष्कृत कर दी गयी। परन्तु इन्होंने अपने साथ हुये अन्याय व उत्पीड़न को बुलन्द आवाज बनाया। और आज ये यौन हिंसा व मानव तस्करी के खिलाफ लड़ रही हैं। इनकी संस्था प्रज्वला सेक्स वर्करो के पांच हजार बच्चों की पढाई का जिम्मा संभाल रही है।
9.इरोम चानू शर्मिला
इरोम चानू शर्मिला को 'मणिपुर की आयरन लेडी ' के रूप में बेहतर जाना जाता है। मणिपुर में निर्दोष नागरिकों की हत्या के विरोध में 2 नवंबर 2000 के बाद से लगातार भूख हड़ताल पर थी, लेकिन हाल ही में इन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया।
10.आनंदीबाई जोशी
पुणे शहर में जन्मी आनंदीबाई जोशी पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री (1886) ली थी। जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल है।
11.मयीलामा (Mayilamma)
Mayilamma एक समाज सेविका थी जिन्होंने विशाल कम्पनी कोकाकोला के खिलाफ अभियान छेड़ा जिसकी गतिविधियाँ उनके क्षेत्र को प्रदूषित कर रही थी, उनके अभियान ने कोका कोला को मार्च 2004 में बॉटलिंग संयंत्र को बंद करने के मजबूर कर दिया।
12.टेसी थॉमस
टेसी थॉमस को ‘India’s Missile Woman’ के नाम से भी जाना जाता है। ये पहली भारतीय महिला है जिन्होंने भारत में किसी मिसाईल प्रोजेक्ट को लीड किया।
13.सालुमारदा थिमम्क्का (Saalumarada Thimmakka)
सालुमारदा थिमम्क्का जो एक भारतीय पर्यावरणविद् है उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के आस पास 384 बरगद के पेड़ लगाये और उन्हें पाला हर दिन वे और उनके पति पेड़ो को पानी देने के लिए 4 किलोमीटर तक बहुत भारी पानी की भरी बाल्टियाँ लेकर जाते है ।