विस्तार
आपने दिल्ली का फेमस मार्केट पालिका बाजार तो देखा ही होगा या उसके बारे में सुना तो होगा ही, दरअसल ये मार्केट इसलिए फेमस है क्योंकि ये पूरा का पूरा अंडरग्राउंड मार्केट है। आपको बता दें कि दुनिया में एक गांव ऐसा भी है जो अंडरग्राउंड ही बना हुआ है, जहां पर सारे लोग अंडरग्राउंड ही रहते हैं ।
यहां के लोग अंडरग्राउंड घरों में रहते हैं
दरअसल दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एक छोटा-सा गांव हैं 'कूबर पेडी'। इस जगह की खासियत यह है कि यहां के लोग अंडरग्राउंड घरों में रहते हैं। यहां ओपल की कई खदानें हैं। लोग यहां इन्ही ओपल की खाली खदानों में रहते हैं। बाहर से देखने पर यह घर साधारण नज़र आते हैं पर इनके अंदर जाने पर पता चलता है कि यह किसी होटल से कम नहीं है। कूबर पेड़ी के 60 फीसदी लोग अंडरग्राउंड घरों में रहते हैं।
ओपल की कई खदानें
ओपल एक दूधिया रंग का कीमती स्टोन होता है। कूबर पेडी ‘Opal capital of the world’ कहलाती है क्योंकि यहां पर विश्व की सबसे ज्यादा ओपल माइंस है।
कूबर पेड़ी एक रेतीला स्थान
यहां पर माइनिंग का काम 1915 में शुरू हुआ था। कूबर पेडी एक डेज़र्ट एरिया है इसलिए यहां पर गर्मियों में तापमान बहुत ज्यादा और सर्दियों में बहुत कम हो जाता है। इसके कारण यहां रहने वाले लोगों को बहुत तकलीफ़ को सामना करना पड़ता था। इसका यह हल निकाला गया कि लोगों को माइनिंग के बाद खाली बची खदानों में शिफ्ट कर दिया गया।
A.C. की जरूरत नहीं पड़ती
कूबर पेड़ी रेतीला स्थान है, लेकिन इन अंडरग्राउंड घरों में न तो गर्मियो में A.C. की जरूरत पड़ती है और न ही सर्दियों में हीटर की। आज यहां पर ऐसे तकरीबन 1500 घर हैं, जिसमें कूबर पेडी की सम्पूर्ण आबादी रहती है। इन्हें 'डग-आउट्स' कहा जाता है।
फर्निश और सारी सुख सुविधाओं से लैस
ज़मीन के नीचे ये घर पूरी तरह से फर्निश और सारी सुख सुविधाओं से लैस है। यहां कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग होती रहती है। पिच ब्लैक फिल्म की शूटिंग के बाद प्रोडक्शन ने फिल्म का स्पेसशिप यहीं छोड़ दिया था। अब यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है।