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वैसे तो मान्यता है कि बजरंग बली बहुतों के बिगड़े काम बनाते हैं मगर वे नौजवानों के सिर से आशिकी का भूत भी उतारते हैं, ये हमें हाल ही में पता लगा।
बेहट रोड पर हनुमान जी के बाल स्वरूप श्री बालाजी महाराज का मंदिर है। मंगलवार और शनिवार को यहां खास पूजा की जाती है। बताया जाता है कि मंदिर में परिवार के सदस्य ऐसे युवक और युवतियों को लाते हैं, जिनके सिर पर प्यार का भूत सवार होता है।
विशेष पूजा से उतरता है 'भूत'
वो कहते हैं ना कि एक बार प्यार का भूत सवार हो जाए तो उसका पीछा ये आसानी से नहीं छोड़ता। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो इस तरह के प्यार-मोहब्बत वाले फेर में पड़ जाते हैं। इस इश्क का रोग एक बार जिसे लगे या तो वो उभरता है या डूबता है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिए एक ऐसी जगह है जहां इस रोग का इलाज होता है, और इसके लिए किसी डॉक्टर या दवाई की जरूरत नहीं होती। आशिकों से तो हम नहीं पूछ पाए मगर यूपी के सहारनपुर बेहट रोड पर स्थित इस हनुमान के मंदिर से कई परिवार खुश होकर जा चुके हैं।
आठ साल पहले हुई थी मंदिर की स्थापना
बालाजी के इस मंदिर की स्थापना करीब 8 साल हुई थी। यहां पर बालाजी महाराज श्रीराम के साथ-साथ अपनी सहयोगी शक्ति श्री काल भैरव और श्री प्रेतराज सरकार के साथ विराजमान हैं। लोग कहते हैं कि तीनों शक्तियां अपने भक्त का परम कल्याण कर रही हैं।
माथा टेकने से दिक्कतें दूर
कहा जाता है कि मंदिर में माता-पिता अपने बच्चों के सिर से आशिकी का भूत उतारने के लिए उन्हें यहां लेकर आते हैं। सिर्फ आशिकी ही नहीं अन्य प्रकार की परेशानियों से परेशान लोग भी यहां आकर माथा टेकते हैं और उनकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा
मंदिर के संस्थापक अतुल जोशी महाराज यहां हर शनिवार और मंगलवार को एक विशेष प्रकार की पूजा करते हैं। अतुल जोशी ही युवक-युवतियों की समस्या के समाधान के लिए परिजनों से पूजा करवाते हैं।
संस्थापक बताते हैं उपाय
जिस समय यह पूजा होती है, उस समय केवल संबंधित युवक और युवती के परिजन ही होते हैं। अतुल जोशी परिजनों को कुछ उपाय भी बताते हैं। उनका मानना है कि इन उपायों को करने के बाद समस्या हल हो जाती है।
वैसे कुछ भी हो, हमें लगता है कि एक-आध ऐसे जिद्दी आशिक तो होते ही होंगे जिनके आगे बजरंग बली भी हार मान लेते हों... :)