दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Wed, 17 Jan 2018 01:38 PM IST
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बचपन की उम्र एक ऐसी कच्ची मिट्टी होती है जिसे जैसे रूप में ढाला जाए, वह वैसा ही आकार ले लेती है। और हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि वह अपने बच्चों को गुणी और संवेदनशील बनाएं इसलिए वह उन्हें बचपन से ही अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करते हैं और बच्चे भी उनसे सीखकर आने वाली जिंदगी में उन्हें लागू करते हैं।
लेकिन लखनऊ की 11 साल की सृष्टि की तासीर कुछ अलग ही है। जरा सी उम्र में उनके इरादे तो बहुत बड़े हैं ही साथ ही उन्होंने कई सालों पहले ही इस पर काम भी शुरू कर दिया था। जिस उम्र में हम होश संभालने लायक बनते हैं, उस उम्र में सृष्टि ने कई बच्चियों को गोद ले रखा है जिनमें से कुछ उम्र में उनसे बड़े भी हैं।
सृष्टि लखनऊ के सीएमएस एलडीए ब्रांच में 7वीं क्लास में पढ़ती हैं और डांस इंडिया डांस शो में प्रतिभागी भी रह चुकी हैं। आलमबाग में रहने वाली सृष्टि डांस के जरिए होने वाली कमाई इन्हीं बच्चों की पढ़ाई में लगाती हैं। सृष्टि बहुत कम उम्र से ही 'सेव गर्ल चाइल्ड' का मेसेज देती आ रही हैं। वह अक्सर ऐसे गाने पर डांस करती हैं जिससे समाज में कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाई जा सके और लोगों को प्रेरित किया जा सके। उन्होंने अब तक 150 से ज्यादा स्टेज परफॉरमेंस दी है और हर डांस का सन्देश 'सेव गर्ल चाइल्ड' ही होता है।
सृष्टि के भाई अक्सर अनाथाश्रम के बच्चों से मिलने जाया करते थे, तब वह 4 साल की थीं। सृष्टि के पापा का कहना है कि जब भी वह भाई के साथ अनाथाश्रम जाती थीं तो एक बात पूछती थीं कि, यहां सिर्फ लड़कियां क्यों हैं लड़के क्यों नहीं हैं? यहीं से उन्हें प्रेरणा मिली, और जब उन्होंने लखनऊ महोत्सव में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया तो उससे मिले पैसों को उन्होंने अनाथाश्रम में देने की इच्छा जताई। तब से वह हर कमाई वहां दे देती हैं। त्रिवेणीनगर नगर में बने गंगोत्री शिशु गृह के 15 साल से कम के बच्चों को सृष्टि ने गोद ले रखा है।
सृष्टि ने जी थिएटर अकादमी में किए शो में इन बच्चों को बुलाकर इन्हें सम्मानित भी करवाया था। वह इनकी हर जरुरत को पूरा करती हैं।
सृष्टि डांस के साथ साथ पढाई में भी अव्वल हैं और 2 बार डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर में जा चुकी हैं। उन्हें सरोज खान से बेस्ट डांसिंग का अवार्ड भी मिल चुका है।