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वो समय सभी को आज भी याद है जब इंदिरा गांधी ने चांद पर गए राकेश शर्मा से पूछा कि वहां से हमारा भारत कैसा दिख रहा है? तो वो बोले सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। इस बात को याद करके हम लोग आज भी गर्व से भर जाते हैं।
सिर्फ़ पुरुष ही नहीं महिलाओं ने भी भारत का नाम पूरे विश्व में ऊंचा कर हमें गौरवान्वित किया है। चाहे बात कल्पना चावला की हो या सुनीता विलियम्स की, इन दोनों ही महिलाओं को देश हमेशा याद रखेगा। ये दोनों ही भारतीय महिलाओं के लिए शानदार उदाहरण हैं। अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ने जा रहा है डॉ. शॉना पंड्या का। इनका ताल्लुक मुंबई से है।
डॉ. शॉना पंड्या मुंबई की एक न्यूरो सर्जन हैं जो कनाडा में जेनरल फिजिशियन के रूप में कार्यरत हैं। ख़ुशी की बात ये है कि, ये उन दो लोगों में से हैं जिन्हें अगले साल के स्पेस मिशन के लिए चुना गया है। इनका चयन 3200 लोगों में से किया गया है। डॉ. शॉना पंड्या अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी भारतीय महिला होंगी।
पंड्या को सिटिज़न साइंस एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम (सी एस ए) के लिए चुना गया है। ये 8 अन्य लोगों के साथ 2018 में अंतरिक्ष में जाएंगी। 'पंड्या पोलर सबऑर्बिटल साइंस इन द अपर मीज़ोसफियर' (PoSSUM) नामक एक प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। इसके तहत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। शॉना 'साइकोलॉजिकल, हेल्थ, और एनवायर्नमेंटल ऑब्जरवेशन्स इन माइक्रोग्रैविटी' (PHEnOM) पर काम करेंगी।
32 साल की शॉना मुंबई से आती हैं। वो हमेशा से ही एक एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थीं।
इन्होंने इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी से स्पेस स्टडीज़ में मास्टर्स की पढ़ाई की है। साथ ही इन्होंने यूरोपियन एस्ट्रोनॉट सेंटर और नासा दोनों में ही काम किया है। इनकी ट्रेनिंग 2015 से ही शुरू हो गई थी।
डॉ. शॉना बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। ये एक ऑपेरा सिंगर भी हैं साथ ही लेखिका, अंतर्राष्ट्रीय ताईक्वांडो चैंपियन, और नेवी सील के साथ मुए थाई में भी प्रशिक्षित हैं। ये एक प्रेरक वक्ता (इंस्पीरेशनल स्पीकर) भी हैं जो टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और सोशल डेवेलेपमेंट पर लोगों से बात करती हैं।