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चमक-दमक वाली मनोरंजन करने वाली फिल्मों से इतर एक और फिल्म बनी, जिसने कनाडा में अवॉर्ड भी जीता, लेकिन हम और आप मे से कितने लोग इस बारे में जानते हैं? यह एक डॉक्युमेंट्री फिल्म। फिल्म उस हकीकत को बयां करती है, जिसे पुरुषवादी समाज अनदेखा कर देता है। कहानी दक्षिण भारत की महिला ड्राइवर सेल्वी की है। फिल्म का नाम है- 'ड्राइविंग विद सेल्वी'। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेल्वी जब 14 वर्ष की थीं तब परिवार वालों ने मार पीटकर जबरन शादी करा दी थी। लेकिन सेल्वी को यह मंजूर न हुआ और एक दिन घर से भागकर ड्राइविंग करने लगीं।
सेल्वी के जीवन के संघर्ष, उतार-चढ़ाव को फिल्म निर्माता अलीशा पालोस्की दिल छू लेने वाली डॉक्युमेंट्री में उतारा है। पालोस्की स्वतंत्र प्रोडक्शन कंपनी आई फॉल्स की अध्यक्ष भी हैं।
सेल्वी की कहानी 100 अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा चुकी है। इसके जरिये खुद सेल्वी 15 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। इसी के साथ सेल्वी ने 100 उन विशिष्ट महिलाओं में जगह बनाई, जिन्हें केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सम्मान दे रहा है। मंत्रालय सेल्वी को पहली महिला के खिताब से नवाज रहा है।
फिल्म देश और विदेश में जोरों से दिखाई जा रही है। सेल्वी की फिल्म को जो अवॉर्ड मिले हैं उनमें टॉप टेन ऑडियंस, आईडीएफए अवार्ड, सर्वश्रेष्ठ ट्रुथ टू पॉवर, रियल एशियाई फिल्म फेस्टिवल 2015, मरव्विक अवार्ड, एटलांटा फिल्मफेस्टिवल अवार्ड 2015, यॉर्कटॉन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म डायरेक्टर 2015 शामिल हैं।
यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर साल सेल्वी की तरह 50 लाख लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले करा दी जाती है। इस फिल्म का उद्देश्य बाल विवाह को रोकना और नारी उत्थान के लिए जागरुकता फैलाना है।