दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Thu, 11 Jan 2018 03:39 PM IST
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पुरुष प्रधान समाज की संकीर्ण सोच के दायरे को पार करते हुए महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। रोज के अखबार, चैनल किसी न किसी महिला की कहानी बताते हैं जिसने सभी मान्यताओं को परे हटाकर अपना सिक्का जमाया।
इसी क्रम एक खबर ये भी है कि, इन्हीं महिलाओं की बदौलत मुंबई का माटुंगा रेलवे स्टेशन अब लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने वाला है। इस स्टेशन पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही तैनात हैं, जिस वजह से इसके नाम ये रिकॉर्ड होने वाला है।
रेलवे के एक अधिकारी ने इसका पूरा श्रेय सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर डी के शर्मा को देते हुए कहा कि, उन्होंने ही महिलाओं को सशक्त बनाने की मुहिम शुरू की। उन्हें ख़ुशी है कि सेंट्रल रेलवे के स्टेशन माटुंगा पर सिर्फ महिलाओं को तैनात करने के छह महीने बाद इसे लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स-2018 देने की घोषणा कर दी गई।
इस स्टेशन की खास बात यह है कि यह रेलवे स्टेशन 2017, जुलाई से महिलाओं के भरोसे पर चल रहा है।इस पर स्टेशन मैनेजर, पॉइंट पर्सन, बुकिंग स्टाफ, टिकट चेकर, आदि सभी महिलाएं हैं।जनरल मैनेजर डी के शर्मा ने 34 महिलाओं की नियुक्ति की थी।फिलहाल कुल 41 महिलाएं स्टाफ में शामिल हैं। इनका नेतृत्व स्टेशन मैनेजर ममता कुलकर्णी कर रही हैं।ममता खुद भी मुंबई डिविजन में स्टेशन मास्टर बनने वाली पहली महिला हैं।
सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ सुनील उदासी ने बताया कि इस स्टेशन को विकसित करने के पीछे कारण था कि ऐसा माहौल बनाया जाए जहां महिलाएं अपने निजी और प्रोफेशनल भले के लिए और संगठन के बारे में भी फैसले खुद करें।
यहां कार्यरत महिलाओं का कहना है कि कई बार रात में ड्यूटी करनी होती है तो कभी असामाजिक तत्त्व और नशेबाज भी स्टेशन पर घूमते मिल जाते हैं लेकिन प्रशासन की मदद से वह इन सबसे निपट लेती हैं। महिलाओं के ये कीर्तिमान देश और देशवासियों के लिए गर्व की बात हैं।