पीरियड्स, माहवारी, मेंसिस चाहे जो कह लो, पर इस शब्द को सुनते ही आमतौर पर भारतीय चौकन्ने हो जाते हैं और यहां-वहां खिसकने लगते हैं। कितनी बार आप अपने पापा के सामने इसकी बातें कर पाते हैं? या आपके पापा ने कभी आपसे आपके पीरियड्स के दौरान पूछा है कि बेटा तुम्हारी तबियत कैसी है? क्या आप अपने भाई को खुल कर अपने तबियत खराब होने की वजह बता पाती हैं? शायद नहीं। या अधिकतर लड़कियों का जवाब तो न ही होगा।
क्या कभी सोचा है कि यह एक ऐसी शारीरिक प्रक्रिया है जो हर महीने दुनिया की हर महिला के साथ होती है। उसके बारे में हम खुले तौर पर बात करने में इतना कतराते क्यों हैं? क्यों हमारी माएं उन दिनों में हमें इस बात का ध्यान रखने को कहती हैं कि इस बात का किसी को पता न चले। इसके कुछ कारण हैं। वो है हमारे भारतीय समाज की संरचना जिसमें पीरियड्स पर बात करने को टैबू मान लिया गया है। (हालांकि ये बात अलग है, भारत में ही कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें पीरियड्स के पहली बार आने को बाकायदा सेलिब्रेट किया जाता है)
इसी के साथ पीरियड्स लेकर हमारे घरों में कुछ मिथ यानी बेतुकी बातें भी आमतौर पर सुनी जा सकती हैं जिन्हें हममे से कई लड़कियां आंख मूंद कर सुनती हैं। और ऐसी लड़कियों से आप बहस भी नहीं कर सकते। उन्हें इस परम सत्य पर अपने से भी अधिक विश्वास होता है। यहां उनमें से कुछ बातों के बारे में हम आपको बता रहे हैं जिनका सच या साइंस से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है।
1. पीरियड्स के समय लड़कियों को अचार नहीं छूना चाहिए। उनके छूने से अचार ख़राब हो जाता है।
2. पीरियड्स के दिनों में शैम्पू नहीं करना चाहिए इससे सीधे यूटेरस पर असर पड़ता है और बाद में मां बनने में परेशानी उठानी पड़ती है।
3. इन दिनों आप किचेन में भी नहीं जा सकतीं क्योंकि आप अगर वहां जाएंगी तो खाना अशुद्ध हो सकता है।
4. और तो और आपको मंदिर में जाने या पूजा करने की भी मनाही होती है क्योंकि अगर आप मंदिर के आस-पास भी गईं तो भगवान (ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही आपको जन्म दिया है) और मंदिर अशुद्ध हो जायेंगे।
5. भारत के कुछ हिस्सों में ऐसा माना जाता है कि इन दिनों पुरुषों से किसी भी तरह के इंटरेक्शन की मनाही होती है क्योंकि आपके उनको छू लेने भर से वो बीमार पड़ सकते हैं।
6. आपको अचार छूने से ही नहीं बल्कि खाने से भी मना किया जाता है क्योंकि खट्टी चीज़ें खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं।
7. अगर आपके पीरियड्स चल रहे हैं तो आपको एक्सरसाईज़ नहीं करनी चाहिए इससे आपके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।8. इस दौरान लड़कियों को ज़मीन पर सोने पर मजबूर किया जाता है इस तर्क के साथ कि उनके स्पर्श भर से बिस्तर तक अछूत हो जाता है।
ये बातें लोग सदियों से फॉलो करते चले आ रहे हैं। पुराने समय में जब लड़कियों से बुरी तरह से काम करवाया जाता था तो ये ऐसा समय होता था जब उन्हें आराम करने का मौका मिलता था। किचन में जाने से मना किया जाने का मतलब है कोई काम न करवाना। पर समय के साथ लोग इन बातों को आँख मूंदकर मानने लगे और आज तक मानते चले आ रहे हैं। लोग इस दौरान लड़कियों को अछूत समझने लगते हैं और बुरा तो तब लगता है जब पढ़ी-लिखी लड़कियां भी इन बातों को फॉलो करती हैं और ज्ञान-विज्ञान को भूलकर लग जाती हैं बहस करने में कि नहीं यार ऐसा होता है। ऊपर लिखी सारी बातों को डॉक्टर हमेशा से ही नकारते आये हैं। पर डॉक्टर के कहने से क्या होता है? यहां आकर तो हम दादी अम्मा की बातें ही मानते हैं।