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आप ने भारतीय रेल में ज़रूर सफ़र किया होगा नहीं तो सार्वजनिक शौचालय तो ज़रूर इस्तेमाल किए होंगे? सरकारी स्कूल में पढ़े हैं आप? आप को एक बात बताएं। हमें इन तीनों का एक्सपीरियंस है और इन तीनों जगह के वॉशरूम अपनी एक अलग दास्तान सुनाते हैं। यहां के घुसलखानों में लोग हमारे-आपके लिए कालजयी रचनाएं कर जाते हैं, ताकी हमारा कीमती वक़्त बर्बाद ना हो।
आप जानते हैं ये टॉयलेट भी हमें अब्यूज़ करते हैं। अब्यूज़ करने के लिए किसी का उस जगह पर होना ज़रूरी नहीं है। कुछ घटिया लोग वीमेन टॉयलेट में कुछ ऐसी बातें लिखकर चले जाते हैं जिनको पढ़ते ही आपको गुस्सा आ जाएगा।
सबसे पहले ये घटिया चीज़ मैंने अपने स्कूल के टॉयलेट में देखी थी। एक टॉयलेट के दरवाज़े पर ऐसी बात लिखी हुई थी कि एक बार को विश्वास ही नहीं हुआ कि ये किसी बदमाश लड़के का काम हो सकता है। और फिर मन में ये भी आया कि गर्ल्स टॉयलेट में लड़के कहां आते हैं। लेकिन फिर दिमाग लगाया कि जब दूसरी ब्रांचों से अलग-अलग एक्टिविटीज़ के लिए लड़के रुकने आते होंगे तभी उन्होंने ये सब लिखा होगा।
सोचिये छोटी उम्र में वो सब पढ़कर बच्चियों को कैसा अनुभव होता होगा। आधी बातें तो समझ भी नहीं आतीं। सड़क पर कोई गन्दी गाली बक रहा हो तो आप उससे दूर जा सकते हैं लेकिन जब अचानक ही वो कहीं किसी रूप में आपके सामने लिखा हुआ आ जाए तो आप न चाहते हुए भी उसे ग्रहण कर जाते हैं।
अच्छा रेलवे में सफ़र करते हुए आपको लगता होगा कि यार इसमें तो हर तरह के लोग सफ़र करते हैं तो ये किसी कम पढ़े-लिखे इंसान का काम होगा। लेकिन बेंगलुरु की घटना बताती है कि एक से एक बढ़िया स्कूलों से पढ़े हुए लोग भी ऐसी हरकत कर सकते हैं वो भी हाईटेक तरीके अपनाकर।
बेंगलुरु का एक बहुत बड़ा स्टेडियम है श्री कान्तिराव स्टेडियम। यहां कई इंटरनेशनल लेवल की प्रतियोगिताएं होती हैं और 2017 में भी यहां अंडर-17 फ़ीफ़ा वर्ल्डकप होने वाला है। अब हुआ ये कि किसी बेहद घटिया मानसिकता वाले व्यक्ति ने यहां महिला एथलीटों के वॉशरूम में एक नोटिस लगा दी जिसमें लिखा था कि प्रैक्टिस पर आने के 5 मिनट पहले मास्टरबेट करके आएं।
इसमें लिखा था कि रनिंग से पहले ऐसा करके देखें आप कभी थका हुआ नहीं महसूस करेंगे। इसमें ऐसा दिखाया गया जैसे ये नोटिस स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने खुद जारी किया है। बकायदा किसी ने अपने साइन भी किए हैं। ये नोटिस सबसे पहले जूनियर खिलाड़ियों ने देखा और उसके बाद उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों को इसकी खबर दी।
ऐसा जानबूझकर महिला खिलाड़ियों को परेशान करने के लिए ही किया गया था क्योंकि पुरुषों के टॉयलेट में ऐसी कोई नोटिस नहीं चिपकाई गई थी। इस घटना के बाद से महिला खिलाड़ी सकते में हैं। उनका कहना है कि जब कोई आकर इन वॉशरूम में ये नोटिस चिपका सकता है तो वो यहां कैमरे भी छिपा सकता है। ये नोटिस कुल 4 जगहों पर चिपकाया गया था।
सोचने वाली बात है कि वैसे ही बहुत कम लोग अपनी लड़कियों को बाहर पढ़ने या खेलने भेजते हैं ऐसे में जब इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं तो मां-बाप का विश्वास और डगमगा जाता है। वो अपने बच्चों को बाहर भेजने से डरते हैं। ऐसा नहीं है कि वो अपनी लड़कियों को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते। वो तो बस लचर व्यवस्था के आगे हार जाते हैं।
यकीन मानिए जिस भी व्यक्ति ने ये काम किया है अगर उसे सारी महिला एथलीट्स के सामने खड़ा करके मास्टरबेशन जैसे मुद्दे पर खुलकर बोलने को कहा जाए तो उस समय उसके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पाएगा। क्योंकि ये लोग ऐसे ही होते हैं। इनमें हिम्मत की बेहद कमी होती है जिस वजह से ये अपना फ्रस्टेशन ऐसी हरकतें करके बाहर निकालते हैं।
इस घटना के सामने आते ही डिपार्टमेंट ऑफ़ यूथ एम्पावरमेंट एंड स्पोर्ट्स ने आश्वासन दिया है कि वो परिसर की सुरक्षा के लिए और पुख्ता कदम उठाएगी। एक महिला वॉशरूम में खिलाड़ियों और सफ़ाई कर्मचारियों के अलावा और कौन जाता होगा। यकीन मानिए ये किसी सफ़ाई कर्मचारी का काम नहीं हो सकता। तो फिर और कौन हो सकता है?
जो भी हो इन घटनाओं से एक बात साफ़ हो जाती है कि भले ही लड़कियों और महिलाओं के लिए कितनी ही योजनाएं चलाई जा रही हों, हम लोगों की सोच को अभी भी नहीं बदल पाएं हैं। हम इस काम में पूरी तरह से नाकाम हैं और इस गलती के लिए हम सब ज़िम्मेदार हैं।