Home Feminism With Over 7 Lakh Followers Chhattisgarh Cop Makes Facebook Platform To Help

महिला कॉन्स्टेबल 'स्मिता' जो अपने काम से अच्छे-अच्छों की छुट्टी कर दे

shweta pandey/firkee.in Updated Thu, 23 Mar 2017 04:25 PM IST
विज्ञापन
h
h
विज्ञापन

विस्तार

बहुत अच्छा लगता है ये सुनकर कि कोई तो है जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए अपना समय देता है। उसे अपनी जरूरत समझता है। और ऐसा जब कोई महिला करती है तो बात कुछ और ही होती है। इन्हीं कुछ महिलाओं में से एक स्मिता हैं।  स्मिता जरूरतमंद लोगों तक पहुंचती हैं और फेसबुक के ज़रिए उनकी मदद करती हैं। फेसबुक पर उनकी पापुलैरिटी किसी सेलेब्रिटी से कम नहीं है। फेसबुक पर उनके 7 लाख के करीब फॉलोवर्स हैं, जो कि सिर्फ़ 20 महीने के अंदर बने हैं। 

स्मिता अपनी पोस्ट के जरिए ज़रूरतमंद लोगों की समस्या को फेसबुक पर रखती हैं और लोगों से मदद की अपील करती हैं। उन्होंने पर्सनल ट्रेजडी का शिकार होने के बाद यह फेसबुक अकाउंट बनाया।स्मिता बताती हैं कि 'जब 2013 में वह पुलिस की ट्रेनिंग ले रही थीं, उसी दौरान उनके पिता 'शिव कुमार' बीमार हो गए और उनके इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। वह खुद पुलिस में कॉन्सटेबल थे, लेकिन 2007 में दुर्घटना के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था। अस्पताल में अचानक उनकी मौत हो गई। तब मैने सोचा कि हजारों लोगों की मौत केवल पैसे की कमी के चलते हो जाती है। और फिर मैने गरीबों की मदद का फैसला लिया'..


2014 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर टांडी ने फेसबुक ग्रुप बनाया, जहां उन्होंने मरीजों की फोटो डालते हुए वित्तीय मदद देने की लोगों से अपील की थी। सिर्फ़ फेसबुक पेज से ही नहीं, स्मिता ने सरकारी योजनाओं के जरिए भी पैसा इकट्ठा किया, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा पता नहीं होता है।

स्मिता ने बताया कि मैने लोगों कि समस्याओं का पता लगाकर फसे फेसबुक पर चालना शुरू किया। शुरूआत में तो लोगों के कोई रिस्पोन्ड नहीं आते थे। कुछ समय बाद जब लोगों को विश्वास हुआ कि मै फेक नहीं हूं तो लोगों ने पैसे देना शुरू किया। तब जाकर मैने गरीबों की मदद की। वास्तव में स्मिता खुद के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक अच्छा काम कर रही हैं। आने वाले समय में स्मिता को पूरी दुनिया जानेगी। 

स्मिता ने बताया कि आस-पास के इलाके में जब उन्हें पता चलता है कि किसी को मदद की जरूरत है, तो वह खुद वहां पहुंचती हैं और सारी जानकारी लेकर उसकी पुष्टि करती हैं। इसके बाद फेसबुक पर मदद की अपील करते हुए पोस्ट करती हैं। स्मिता के काम के बारे में उनके सीनियर अधिकारियों को पता है, इसके चलते उन्हें भिलाई वुमेन हेल्पलाइन के सोशल मीडिया कंप्लेंट सेल में रखा गया है। 

स्मिता जैसी लाखों लड़कियां होंगी जो इस तरह के काम करना पसंद करती होंगी। उन्हें स्मिता से एक सीख लेनी ही चाहिए। एक पुलिस वाले को खुद ही कई जिम्मेदारियां रहती होंगी। इन सब के बावजूद स्मिता का ये कदम उन्हें एक नयी जगह ले जाएगा। जिससे दुनिया भर में लोग स्मिता को जानेंगे। 

शुक्रिया स्मिता.... 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree