Home Fun 7 Year Old Anti Liquor Protester Now Becomes Reel Life Hero From Real Life

भविष्य का गांधी है यह सात साल का बच्चा, काम ऐसा कि इस पर बन रही फिल्म

Updated Mon, 04 Sep 2017 04:12 PM IST
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7-year-old anti-liquor protester now becomes reel life hero from real life
- फोटो : thenewsminute.com
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गांव में एक ही पब्लिक टॉयलेट था। उसी के पास एक झील थी। गांव भर की औरतें अक्सर पीने का पानी भरने के लिए वहां आती थी। वह गांव की दलित बस्ती का इलाका है। लेकिन शराब की दुकान खुलने से औरतों को भारी दिक्कत होने लगी। वे अब पहले की तरह वहां पीने का पानी भरने नहीं जा पा रही थीं। गांव वाले शराब की दुकान के विरोध में उतर आए। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तभी पांच साल के बच्चे ने विरोध प्रदर्शन की तख्ती हाथों में थाम ली। पुलिस आई, लेकिन वह टस से मस नहीं हुआ। उसने अपने स्कूल की किताब निकाली और दुकान के सामने ही बैठकर पढ़ने लगा। पुलिस वालों ने कहा कि स्कूल में जाकर पढ़ो, लेकिन बच्चे के आगे खाकी ने हथियार डाल दिए और करीब दो घंटे के लिए उस दिन शराब की दुकान बंद करनी पड़ी।

आज वह पांच साल का नन्हा बालक सात साल का है, तीसरी कक्षा में पढ़ता है, लेकिन एक सेलिब्रिटी बन चुका। 

आकाश आनंदन ने वो कर दिखाया जो उसके नाम पर भी सूट करता है। यानी आकाश की तरह बड़ी सफलता, जिसमें आनंद समाया हुआ है। नन्हा आंदोलनकारी आकाश कभी हेलमेट तो कभी वृक्षारोपण और तो कभी शराबबंदी को लेकर मुहिम चलाकर लोगों के बीच हीरो बन चुका है, लेकिन अब बहुत ही जल्द 70 एमएम की सिल्वर स्क्रीन पर भी बतौर लीड एक्टर नजर आने वाला है। 
 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक आकाश के काम ने रूपहले पर्दे का ध्यान अखींचा और उसे एक तमिल फिल्म 'कुदीमगन' की लीड भूमिका के लिए साइन किया गया है। यह फिल्म साउथ के डायरेक्टर सतीश्वरन बना रहे हैं। 

इस फिल्म में भी आकाश कक्षा तीन में पढ़ने वाले छात्र की ही भूमिका निभा रहा है। फिल्म उसकी रियल लाइफ से काफी मिलती जुलती है। फिल्म में वह समाज में व्याप्त बुराइयों के खिलाफ लड़ता दिखाई देगा। 

डायरेक्टर सतीश्वरन ने बताया कि कहानी स्कूल के बच्चे आकाश की है। जो अपनी माता और पिता के साथ रहता है। उसके पिता शराब पीने के आदी हो जाते हैं और उनकी हालत बिगड़ती जाती है। पैसों की कमी की वजह से परिवार के ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ता है। बीमार पिता की मौत हो जाती है और मां का भी निधन हो जाता है। 

जिंदगी के तमाम दुखों और उलझनों के बीच नन्हा आकाश गांव वालों के साथ शराबबंदी के खिलाफ मुहिम में शामिल हो जाता है। ...और इस तरह वह 'नन्हा हीरो' बन जाता है। 

शुरू में फिल्म में काम करने को लेकर आकाश के पिता राजी नहीं थे। उनका मानना था फिल्म में काम करने की वजह से उसकी पढ़ाई में अड़चन आएगी। लेकिन जब फिल्म के क्रू की तरफ से यह सफाई दी गई कि स्कूल के बाद ही फिल्म की शूटिंग की जाएगी, तब जाकर उसके पिता ने अनुमति दी। 

आकाश की कहानी देश के करोड़ों बच्चों समेत बड़ों के लिए भी प्रेरणा का काम कर सकती है। यह नन्हा सेलिब्रिटी आज अपने नेक काम की वजह से मीडिया की भी सुर्खियों में भी छाया हुआ है।

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