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बरगद के पेड़ के बारे में सोचते ही एक ऐसे पेड़ का ख्याल आता है जिसकी लंबी लंबी लटें जहां तहां लटकी होती हैं, और वेद पुराण में भी जिस पेड़ का जिक्र मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक बरगद का पेड़ इतना विशाल भी हो सकता है कि वो पूरे क्रिकेट के मैदान जितनी जगह घेर ले।
जी हां, सुनने में बेशक ये बात अजीब सी लग रही हो लेकिन अपने इंडिया में ही ऐसे कई बरगद के विशाल वृक्ष हैं जो पेड़ नहीं किसी जंगल की तरह दिखाई देते हैं।
अगर उन्हें काट दिया जाए तो वहां इतनी जगह हो सकती है कि खेल का एक बड़ा मैदान सामने आ सकता है। इनमें से कुछ पेडों को तो विश्व धरोहर भी मान लिया गया है। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही पांच वृक्षों के बारे में।
ग्रेट बनयान ट्री के नाम से मशहूर यह बरगद का पेड़ पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित आचार्य जगदीश चंद्र बोस इंडियन बॉटनिक सेंटर में स्थित है। इस पेड़ को लगभग 250 साल पुराना माना जाता है और इसका कुल क्षेत्रफल 4.67 एकड़ है।
गुजरात के भरूच जिले में नर्मदा किनारे स्थित कबीरवाद आइसलैंड में स्थिति इस बरगद के पेड़ को भी देश में सबसे बड़े पेडों में गिना जाता है। इसका कुल क्षेत्रफल भी 4.33 वर्ग एकड़ है।
देश का दुनिया का भी सबसे विशाल बरगद का पेड़ है आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले में। थियम्मा मरियमनू के नाम से जाने वाला ये पेड़ कुल 4.721 वर्ग एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। साल 1989 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने इसे दुनिया के सबसे बड़े बरगद के पेड़ के तौर पर दर्ज किया था।
बंगलूरू के रामोहल्ली में स्थित इस बरगद के पेड़ की आयु 400 साल मानी जाती है।
तेलंगाना के महबूबनगर जिले में यह पेड़ 800 साल पुराना माना जाता है।