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मोहब्ब्त के लिए आपने कई कहानियां और संघर्षों की दांस्ता सुनी होगी लेकिन यहां हम पूरे यकीन के साथ कह सकते हैं कि शायद ही आपने ऐसी प्रेम कहानी सुनी होगी। सीआईएसएफ की महिला कॉन्सटेबल की कहानी आपको हैरान करती है।
सीआईएसएफ यानी की केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने एक महिला कॉन्सटेबल को अधिकारिक तौर पर पुरुष स्वीकार किया और उनकी नौकरी को जारी रखा। अपने आप में यह पहला मौका है जहां किसी महिला कॉन्सटेबल की नौकरी को पुरुष कॉन्सटेबल की जगह पर बहाल किया गया है।
संजय (काल्पनिक नाम) ने 6 साल पहले लिंग परिवर्तन करवाया था और पुरुष बन गए थे। इस ऑपरेशन से पहले उन्होंने ये जानकारी मुख्यालय को दे दी। दरअसल वो जिस महिला से प्यार करते हैंं उससे शादी करना चाहते थे लेकिन कानूनी बाध्यताओं को पार करने के लिए उन्हें अपना ऑपरेशन करवाना पड़ा। संजय का मानना है कि अगर भारत में समलैंगिग विवाह की मान्यता होती तो वो ऐसा कभी नहीं करते। कमाल की बात ये है कि जब उन्होंने शादी रचाई तो वो बकायदा मर्दाना मूछ के साथ शादी करने पहुंचे थे।
सुनने में आसान लगनी वाली ये कहानी काफी संघर्षपूर्ण रही। संजय को खुद को पुरुष साबित करने के लिए सिर्फ ऑपरेशन नहीं करवाना पड़ा बल्कि कई कठिन परिक्षाओं को भी पास करना पड़ा। जिसके बाद सीआईएसएफ की मेडिकल टीम के साथ एम्स की टीम ने भी स्वीकार किया कि संजय अब महिला नहीं बल्कि पुरुष हैं। फिलहाल उनको बतौर क्लर्क दफ्तर के काम की जिम्मेदारी दी गई है।
संजय ने पहले दिल्ली मेट्रो में नौकरी की और फिर सीआईएसएफ ज्वाइन करने के बाद तय किया कि अब सेक्स चेंज करवाना है। उन्हें डर था कि नौकरी के बाद वो घर जाएंगे तो उनकी शादी करा दी जाएगी, इसिलिए वो सीआईएसएफ की नौकरी ज्वाइन करने के बाद अपने घर गए। संजय ने अपने ऑपरेशन के लिए 10 लाख का लोन भी लिया है।