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भारत की गुरुकुल शिक्षा पद्धति अपना रहा यह देश, बच्चों को नहीं दिया जाता होमवर्क

Updated Sat, 30 Sep 2017 05:20 PM IST
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Finland Gurukul Education Model
- फोटो : huffingtonpost.com
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एक तरफ जहां दुनिया में शिक्षा के स्वरूप को लेकर अलग-अलग बातें हो रही हैं तो वहीं फिनलैंड एक कदम आगे निकल गया है। वहां स्कूलों में अब न होमवर्क होगा और न ही बच्चों की परीक्षाएं होंगी। इतना ही नहीं भारत की प्राचीन गुरुकुल परंपरा को भी अपनाया जा रहा है। अपने देश में भी गुरुकुल परंपरा के दौर में खुले में कक्षाएं लगती थीं। 

उत्तरी यूरोप के देश फिनलैंड ने जिस आधुनिक शिक्षा पद्धति को अपनाया है, उसे पूरी दुनिया में एक नजीर के बतौर स्वीकार किया जा रहा है। यहां पर बच्चों को स्कूलों में न तो होमवर्क देने की परंपरा है और न ही बच्चों की परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। यहां सात साल की उम्र से बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देने की शुरूआत हो चुकी है। स्कूल में पढ़ाई के घंटे कम और छुट्टियां अधिक दी जा रही हैं। माना जा रहा है कि बच्चों को सिर्फ खेल-खेल में शिक्षा देना चाहिए। इससे उन पर कोई मानसिक तनाव नहीं होगा। ठीक उसी तरह, जैसे भारतीय गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में बहुत पहले उल्लेख मिलता है।
 

फिनलैंड का यह शिक्षा मॉडल पूरी दुनिया में सबसे कामयाब करार दिया गया है। खास बात यह है कि आज भी यहां शिक्षा में लगातार सुधार जारी हैं। यहां के स्कूलों में क्लासरूम वाली संस्कृति को खत्म करके ओपन प्लान के तहत खुले में शिक्षा देने की योजना को लागू किया गया है। इसके तहत पुराने क्लासरूम को मल्टी-मॉडल स्पेस में तब्दील कर दिया गया है। यह मल्टी-मॉडल कमरे कांच की दीवारों में बंटे होते हैं और दीवारों को एक जगह से दूसरी जगह पर खिसकाया जा सकता है। यहां पारंपरिक विषयों के स्थान पर थीम आधारित परियोजनाओं पर अध्ययन कराया जाता है। इसके लिए कक्षाओं में डेस्क तथा बेंच की जगह सोफासेट और गद्दे रखे गए हैं।

किताबों के बजाय प्रकृति के नजदीक ले जाते हैं स्कूल

फिनलैंड में फर्म एफसीजी के मुताबिक खुले में अध्ययन से कक्षाओं के दायरे में विद्यार्थियों को रखने की परंपरा को बदला गया है। इससे बच्चों का मानसिक स्तर बढ़ता है। इस प्रणाली से बच्चों में जिम्मेदारी का दायित्व निभाने की क्षमता का विकास होता है और वे अपना लक्ष्य सोच-समझकर निर्धारित करने के योग्य हो जाते हैं। यहां पर छात्रों को सिर्फ किताबों तक सीमित रखने के बजाय भारतीय गुरुकुल पद्धति के मुताबिक प्रकृति के नजदीक ले जाया जाता है। उन्हें संग्रहालयों में भी भ्रमण कराया जाता है।

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