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इसके जैसे हो जाएं सभी सरकारी स्कूल तो प्राइवेट स्कूलों में लग जाए ताला!

Updated Mon, 14 Aug 2017 12:24 PM IST
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 government school in delhi giving tough competition to private school
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सरकारी स्कूल के लिए लोगों के जेहन में जो छवि बनी है वो बताने की जरूरत नहीं। यूनिफॉर्म से लेकर स्कूल की व्यवस्था, मास्टर जी और बच्चे हर किसी की अपनी अलग ही पहचान होती है। सरकारी स्कूल के बच्चों को अगर आगे चलकर अगर कोई इंटयव्यू फेस करना पड़े तो ये सवाल जरूर किया जाता है कि 'स्कूलिंग कहां से हुई है'? जवाब में सरकारी स्कूल का नाम सुनकर करेंट जरूर लग जाता है। लेकिन दिल्ली में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जिसने प्राइवेट स्कूलों में ताला लगवाने की ठान ली है। प्राइवेट स्कूल के बच्चे इस स्कूल में दाखिले के लिए भाग कर आते हैं। 

सुविधा ऐसी कि प्राइवेट स्कूल की सारी रौनक एक झटके में ध्वस्त हो जाए। जो पैरेंट्स अपने बच्चों का एडमिशन महंगे स्कूलों में करवाकर अपने स्टेटस सिंबल को दिखाते हैं उन्हें भी इस सरकारी स्कूल के बारे में जानकर चक्कर आ जाए। जितने पैसे देकर पेरेंट्स अपने बच्चों को हाई फाई स्कूलों में डालते हैं, उससे कई गुना कम देकर इस सरकारी स्कूल का फायदा ले सकते हैं। शिक्षा से लगाकर व्यव्स्था तक सब कुछ प्राइवेट स्कूलों की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छा है। 

इस स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट स्कूल को पटखनी देता हुआ दिख रहा है। बच्चों की यूनिफॉर्म के डिजाइन भी बाकी सरकारी स्कूलों के जैसे नहीं है। स्कूल में कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी की भी व्यवस्था है। यही नहीं स्कूल में सीसीटीवी लगाने, वॉटर कूलर, साइकल स्टैंड, बॉस्केटबॉल कोर्ट बनाने के लिए प्रपोजल भी मिल रहे हैं। 


यह स्कूल रोहिणी सेक्टर-21 फेज 3 में है। इसका नाम 'गवर्नमेंट सर्वोदय को-एड विद्यालय' है। इसी साल अप्रैल में बनकर तैयार हुए इस सरकारी स्कूल में 80 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर आए हैं। यही नहीं11वीं क्लास में 99 फीसद दाखिले प्राइवेट स्कूलों से आए बच्चों के हुए हैं। स्कूल शुरू होने के साढ़े तीन महीने के अंदर ही अब तक यहां करीबन 1200 बच्चों का एडमिशन हो चुका है। यहांनर्सरी से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चों के दाखिले हुए हैं। 

अगर इस तरह के दो चार स्कूल हर क्षेत्र में खुल जाए तो प्राइवेट स्कूलों में ताले पड़ जाएं। 


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