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देखने में वो बिल्कुल भी सूमो पहलवान जैसी नहीं लगती। 27 की उम्र, 76 किलो की लड़की को आप सूमो कह भी नहीं कह सकते क्योंकि सूमो का नाम सुनते ही दिमाग में एक भारी भरकम पहलवान की छवि बन जाती है। लेकिन जब हेतल मैदान में सूमो रेसलिंग करने आती है, तो अच्छे-अच्छों के पसीने छुड़ा देती है। हालांकी भारत में सूमो रेसलिंग को ज्यादा लोग नहीं जानते, लेकिन हेतल इसे पहचान दिलाने में जी जान से लगी हुई है।
'सूमो रेसलिंग' (जो कि कुश्ती का ही एक रूप है) में हमारे देश की एक बेटी ने देश-विदेश में खूब नाम कमाया। आज हम देश की पहली महिला सूमो रेसलर हेतल दवे के बारे में बताएंगे। देश में महिला सूमो फाइटर न होने के कारण उन्हें मजबूरी में मर्दों संग कुश्ती की ट्रेनिंग करनी पड़ती है।
सूमो पहलवान हेतल दवे
2009 में ये सितारा दुनिया के सामने आया। दरअसल मुंबई की रहने वाली 27 वर्षीय सूमो पहलवान हेतल दवे ने 2009 में ताइवान में हुई विश्व सूमो कुश्ती प्रतियोगिता में 5वां स्थान हासिल किया था। भारत की पहली महिला सूमो पहलवान के रूप में हेतल का नाम 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हो चुका है। 5.6 फीट लंबी हेतल का वज़न तकरीबन 76 किलोग्राम है और वे सूमो कुश्ती के 65-85 किलोग्राम वर्ग में भाग लेती हैं।
कुश्ती और जूडो का प्रशिक्षण भी देती हैं
सूमो रेसलिंग के साथ-साथ हेतल स्टूडेंट्स को कुश्ती और जूडो की ट्रेनिंग भी देती हैं। भारत में महिला सूमो खिलाड़ी नहीं होने की वजह से इन्हें पुरुष सूमो खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग करनी पड़ती है। आपको बता दें कि हेतल पूरी तरह से शाकाहारी हैं और अधिकतर प्रोटीन फलों के सेवन से लेती हैं।
रिश्तेदारों ने किया विरोध
वैसे तो हेतल ने इंडिया का पोलैंड, एस्टोनिया, ताइवान और जापान में प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई हेतल को शुरू में अपने रिश्तेदारों का विरोध झेलना पड़ा। हेतल 6 साल की उम्र में जुडो सीख रही हैं। बड़े होने के साथ-साथ उनका रुझान सूमो की ओर बढ़ता चला गया।
देश में नहीं है सूमो रेसलिंग को मान्यता
बीबीसी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सूमो कुश्ती को मान्यता प्राप्त खेल का दर्जा नहीं मिला है और इस कारण हेतल कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पातीं। प्रायोजकों के न होने की वजह से हेतल ज्यादातर विदेशों में हो रही प्रतियोगिताओं के लिए भी नहीं जा पाती हैं। उन्हें सूमो कुश्ती में अपना करियर बनाने के लिए कई कठिनाइयों से गुज़रना पड़ रहा है।
क्या कहती हैं हेतल
“मेरा वज़न लगभग 76 किलो है और जब मैं किसी से कहती हूं कि मैं एक सूमो पहलवान हूँ तो वे मुझे पहले ऊपर से नीचे तक घूर कर देखते हैं क्योंकि वे किसी भारी-भरकम इंसान को ढूंढ रहे होते हैं”।
https://youtu.be/hRl-drB_NFg
Source:
Sportskeeda,?DB