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महाभारत का युद्ध इतिहास के पन्नों में अमर है। यह महायुद्ध क्यों हुआ इसके पीछे कई थ्योरीज़ और कारण हैं। मगर एक बड़ा कारण है- चौसर, जो आज के समय में जुआ बन गया है। खेल के रूप में शुरु हुई बाज़ी में धर्मराज युधिष्ठिर ने अपना सब कुछ खो दिया। राज्य, दौलत, भाई और यहां तक की अपनी पत्नी द्रौपदी को दांव पर लगा दिया। द्रौपदी का कुरू राजसभा में जो अपमान हुआ वो किसी से छिपा नहीं है।
इस अपमान को भी महाभारत का एक बड़ा कारण माना जाता है। मगर, एक पक्ष यह भी है कि धर्मराज युधिष्ठिर ने बिना आज्ञा एक नारी को दांव पर क्यों लगाया। देखा जाए तो धर्मराज ने भी महिलाओं का वस्तुकरण ही किया।
यह कहानी और युद्ध हमेशा के लिए मिसाल बन गया और इसका कलियुग में जमकर उदाहरण दिया जाता है, मगर कानपुर में इस पूरी घटना का एक्चुअल वर्ज़न देखने को मिला।
कानपुर के गोविंदनगर के एक शख्स ने अपनी पत्नी को आईपीएल के सट्टे में दांव पर लगा दिया और हार गया। इस पूरे वाकये से अनजान पत्नी को सच्चाई का पता तब चला, जब पति के साथी सटोरिये ने उसके साथ बदतमीज़ी की। पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं के दखल से महिला को छुड़ाया गया।
पुलिस ने मामले दर्ज कर लिया है मगर वो औरत अब भी फ़रार है। पुलिस का कहना है कि आरोपी शेयर बाजार में अपना सारा पैसा हार गया था और फिर उसने अपनी पत्नी को भी दांव पर लगा दिया। वो अपनी पत्नी को अकसर मारता-पीटता था और उसके माता-पिता से 7 लाख रुपए मांगने को कहता था।
छेड़छाड़ और परेशानी के बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। पुलिस इस मामले में भी हमेशा की तरह तहकीकात कर रही है और आरोपी का फ़रार रहना कायम है।
दोनों की शादी 5 साल पहले हुई थी मगर दोनों के रिश्ते में कड़वाहट शुरु से घुलने लग गयी। आदमी ने अपनी पत्नी के गहने बेच दिए। उसे शक था कि शराब और जुए की लत में वो अपना घर भी बेच देगा।
आईपीएल में सट्टे को लीगल करने की बात कबसे की जा रही है, मगर इन बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि कौन क्या दांव पर लगा रहा है। प्लीज़, औरतों को घर का सामान न समझें, उनकी प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करने का आपको कोई अधिकार नहीं है। आप ने उन्हें खरीदा नहीं है, अपनी खरीद-फ़रोख्त की दुनिया से उन्हें अलग रखें।