दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Sun, 07 Jan 2018 12:31 PM IST
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बड़ी मशहूर पंक्तियां हैं कि 'जिन्दा हो तो जिन्दा नजर आना जरूरी है'। सिर्फ सांस लेना तो जिन्दा होने का सबूत नहीं है, इसलिए जरूरी है कि अपने वजूद को खड़ा किया जाए और खुद को जिन्दा महसूस कराने के लिए ही दुनिया जद्दोजहद में लगी हुई है। हर रोज नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। कहीं खेलों में, कहीं फिल्मों में तो कहीं साहित्य में। लेकिन एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने ये कीर्तिमान बनाया है खेतों में। इनकी कहानी पढ़कर आपके मुंह में पानी आने लगेगा मलीहाबाद के दशहरी आमों का।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास मलीहाबाद के रहने वाले हाजी कलीमुल्ला खान ने आम की खेती कर अपनी एक अलग पहचान बना ली है। 76 साल के कलीमुल्ला अपनी करीब 5 एकड़ की भूमि में खेती करते हैं। आम से खास हुए कलीमुल्ला को लोग अब 'मैंगो मैन' के नाम से जानते हैं।
मैंगो मैन को यूं ही ये शौक नहीं लगा, उनके पिता भी एक आम उत्पादक थे। कलीमुल्ला को पढ़ाई का ज्यादा शौक नहीं था, वह 7वीं तक ही पढ़ पाए। वह 1957 से ही आम की बागवानी में जुट गए। उनके शौक ने उनको आम की खेती की अलग-अलग विधि सिखा दीं।
जल्द ही वह कलम विधि से अलग-अलग नस्ल के आम पैदा करने लगे। इनके आम बनाने की तकनीक कुछ ऐसी है कि वो खाने से पहले देखने में भी बेहद आकर्षक लगते हैं। वह अब तक दर्जनों किस्म के आमों की नस्लों की पैदावार कर चुके हैं। उनकी नर्सरी में एक ऐसा पेड़ भी है, जिससे उनका नाम विश्व रिकॉर्ड में शामिल हो गया है। उन्होंने कलमें बांधकर एक ही पेड़ में 300 से ज्यादा किस्म के आम पैदा किए हुए हैं।
जैसे घरों में बच्चों के विशेष नाम रखे जाते हैं, उसी प्रकार कलीमुल्ला ने अपने आमों के भी नाम रखे हुए हैं। वो भी ऐसे वैसे नाम नहीं, नामचीन हस्तियों के नाम, जैसे नरेन्द्र मोदी, योगी, अमिताभ बच्चन। कलीमुल्ला को इस हुनर के लिए पद्मश्री मिल चुका है और साथ ही राज्य सरकार द्वारा उद्यान पंडित का खिताब भी मिल चुका है।