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भारत में भाभी मां समान होती है और मां किसी भी हाल में बच्चों के लिए हर कष्ट सह लेती है, बच्चों की रक्षा के लिए अगर उसे 'दुर्गा' बनना पड़े तो वह बन जाती है। दिल्ली की यह भाभी भी अपने देवर को बचाने के लिए 'दुर्गा' बनी और उसे बड़ी मुसीबत से बचा लिया। इस भाभी की कहानी देश ही नहीं, दुनिया भर के लिए रिश्तों की गरिमा, संवेदना और उनकी मर्यादा का बेहतरीन उदाहरण है। यह घटना एक सबक है, जिसे हर किसी को सीखना चाहिए।
कहानी बड़ी सीधी है। देवर को बदमाशों ने किडनैप कर लिया, फिरौती की रकम मांगी और भाभी ने बदमाशों की अक्ल ठिकाने लगा दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में रहने वाले आसिफ कैब चलाते हैं, बदमाशों ने आसिफ की गाड़ी बुक की और धोखे से उसे किडनैप कर लिया। किडनैपरों ने उसके घरवालों से बतौर फिरौती 25000 रुपये मांगे।
आसिफ के भाई फलक शेर आलम फिरौती की रकम बताई गई जगह पर लेकर गए। भाई ने पुलिस को भी इत्तला कर दी थी, लिहाजा खाकी ने भी बदमाशों को दबोचने का प्लान बना लिया था।
आसिफ के भाई पैसा लेकर चले तो उनकी पत्नी आयशा यानी आसिफ की भाभी भी साथ चल दीं। आयशा नेशनल लेवल शूटर रह चुकी हैं, फिलहाल शूटिंग की कोचिंग देती हैं। आयशा के पास लाइसेंसी गन है।
बदमाशों को पता चल चुका था कि मामले में पुलिस शामिल हो गई है, इसलिए उन्होंने रफ्फूचक्कर होना ठीक समझा।
बादमाश चकमा देकर भागने लगे, लेकिन भाभी आयशा ने उनकी गाड़ी का पीछा कर लिया। आखिर दिल्ली के भजनपुरा इलाके में आयशा बदमाशों के आगे दीवार बनकर खड़ी हो गईं।
अपने भाई और भाभी को देखते ही आसिफ में हिम्मत आ गई और वह बदमाशों के चंगुल से निकलने का प्रयास करने लगा। मौका देखते ही भाभी आयशा ने लाइसेंसी पिस्तौल निकाली और बदमाशों पर फायर झोंक दिया। गोली एक की कमर में लगी दूसरे के पैर में। जख्मी होते ही दोनों ढेर हो गए। दोनों बदमाश पड़े कराह रहे थे तभी पुलिस वहां पहुंच गई।
पुलिस की मानें तो आयशा की पिस्तौल सीज की गई है। जांच हो रही है। पुलिस कह रही है कि सेल्फ डिफेंस के मामले में आयशा को सुरक्षा दी जा सकती है लेकिन कानून की शर्त पर। शायद ही आयशा ने शायद ही कभी सोचा होगा कि मेडल दिलाने वाला उनका हुनर एक दिन बदमाशों के छक्के छुड़ाने के काम आएगा।
पूरे मामले को आयशा खुद बयां कर रही हैं, समाचार एजेंसी एएनआई के इस वीडियो में देखें।