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लो भई! बिजनेस की दुनिया में एक जबरदस्त हलचल मची है, हलचल नहीं भूचाल कहिए। एक बिजनेस दिग्गज जो बिजनेस से थोड़ा दूर हो गया था, एक बार फिर लौट आया है। अरे हम बात कर रहे हैं दिग्गज बिजनेस टाइकून रतन टाटा की। दरअसल टाटा संस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से चलता किया और उनकी जगह रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है।
मिस्त्री साहब को आज से करीब चार पहले को नमक से लेकर ट्रक बनाने वाले 100 अरब डॉलर की इस विशाल कंपनी समूह का नेतृत्व सौंपा गया था, लेकिन लगता है कि इनसे हो नहीं पाया। वैसे आपको बता दें मिस्त्री ने 29 दिसंबर 2012 को रतन टाटा की जगह टाटा समूह की इस होल्डिंग कंपनी के चेयरैमन का पद संभाला था। टाटा समूह ने रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है। इस दौरान पांच सदस्यीय एक खोज समिति नये चेयरमैन की नियुक्ति करेगी...मने की नए चेयरमैन जब तक नहीं मिल जाते रतन टाटा ही टाटा को दौड़ाएंगे।
इस चेयरमैन खोज समिति में रतन टाटा के अलावा, उद्योगपति वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल प्राइवेट इक्विटी के प्रबंध निदेशक अमित चंद्रा, राजनयिक एवं अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत रोनेन सेन तथा वार्बिक मैन्यूफैक्चरिंग ग्रुप के संस्था एवं चेयमैन तथा भारतीय प्रबंध संस्थान खड़गपुर के स्नातक लार्ड कुमार भट्टाचार्य को रखा गया है।
सायरस मिस्त्री को हटाने के पीछे दरअसल एक बड़ी वजह बताई जा रही है...आइए बताते हैं क्या है वो वजह। जब सायरस मिस्त्री की ताजपोशी हुई थी तब उस वक्त कंपनी का कारोबार करीब 100 अरब डॉलर था और बोर्ड ने कंपनी की बागडोर मिस्त्री के हाथ में देते हुए 2022 तक उनके लिए इस कारोबार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन हाल के वर्षों में टाटा ग्रुप की रफ्तार सुस्त हुई है और उनके कई प्रोजेक्ट गति नहीं पकड़ सके।
यहां तक की 'द इकोनॉमिस्ट' ने हाल में टाटा ग्रुप पर एक पीस लिखा था और उसमें बताया गया था कि सायरस के नेतृत्व में ग्रुप उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पा रहा है जो अपेक्षाएं उनसे की गई थीं...मने की ये उम्मिदों पर खरे नहीं उतर पाए।
सायरस मिस्त्री 2006 से टाटा संस के डायरेक्टर ग्रुप में शामिल थे और टाटा ग्रुप के चेयरमैन होने के साथ-साथ टाटा की समूह कंपनियों टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जगुआर लैंडरोवर ऑटोमोटिव, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा पावर कंपनी, द इंडियन होटल कंपनी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेस, टाटा कैमिकल्स, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा टेलीसर्विसेज के भी चेयरमैन थे। आपको बता दें सायरस मिस्त्री पहले शापूरजी पोलानजी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर थे और उनकी लीडरशिप में शापूरजी पोलानजी कंस्ट्रक्शंस एक बिलियन डॉलर कंपनी बनी थी।