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मुंबई के रहने वाले इलेक्ट्रिकल इंजीनियर शरद अशानी इनदिनों सुर्खियों में हैं। इसकी वजह भी खास है। 61 साल के अशानी ने छत के पंखों में लगने वाले एक ऐसा रॉड तैयार किया है जो हर साल लटकर जान देने वाले हजारों को लोगों को खुदकुशी करने से रोकेगा। अशानी ने ‘एंटी सुसाइड फैन रॉड’ बनाया है।
यह रॉड पंखों से लटकर खुदकुशी की कोशिश नाकाम करेगा। मालूम हो कि कुछ दिनों पहले राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी करने वाले छात्रों में बढ़ती की खुदकुशी को रोकने के लिए कोटा हॉस्टल एसोसिएशन ने सभी छात्रावासों के पंखों में स्प्रिंग और सेंसर लगाने को अनिवार्य कर दिया है। इससे 20 किलो से अधिक भार पड़ने पर पंखा टूटकर नीचे गिर जाएगा और सेंसर आवाज करने लगेगा।
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, देश में हर साल आत्महत्या करने वाले 1.3 लाख लोगों में से 60 हजार पंखे से लटकर जान देते हैं।
क्रांपटन ग्रीव्स के रिटायर्ड असिस्टेंट जनरल मैनेजर अशानी ने ‘एंटी सुसाइड फैन रॉड’ पर 12 साल तक काम किया। वह भांडुप स्थित अपनी कंपनी से इस रॉड को अपनी यूनिट के साथ इसका उत्पादन कर रहे हैं। अब तक उन्होंने सौ राड्स बनाए हैं। उनकी योजना है कि एक महीने में 10 हजार रॉड्स बनाएं। इस रॉड की कीमत 250 रुपये बताई गई। यह पुराने या नए पंखे में आसानी से फिट हो जाएगा।
अशानी बताते हैं कि 2004 में मॉडल नफीसा जोसफ की आत्महत्या की खबर सुनने के बाद मैंने पंखे से लटकर खुदकुशी को रोकने के लिए सोचा। इस तरह की आत्महत्या को असफल करना चाहता हूं जिंदगियां बचाने की योजना पंखे की छड़ पर आधारित है। इस रॉड में एक लचीली मशीन लगी है, पंखे पर एक निश्चित वजन से ज्यादा वजन पड़ने पर मशीन काम करने लगती है और रॉड पंखे से अलग हो जाता है।
अशानी इस खास तरह के रॉड को हॉस्टलों में डोनेट करना चाहते हैं। साथ ही कई पंखा निर्माता कंपनियों से भी इस पर बात कर रहे हैं।