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ऊपरवाले ने इंसान को आंखें देखने के लिए दी हैं, इस संसार की खूबसूरती को निहारने के लिए दी हैं, लेकिन यह लड़की वह भी देख लेती हैं जहां इंसानी नजर नहीं पहुंचती है। यह शरीर के अंदर झांक लेती है। मॉस्को की स्टेट स्टोमैटोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहीं नताशा की देखने की क्षमता को लेकर डॉक्टर्स तो क्या वैज्ञानिक भी हैरान हैं। जो लोग इनकी देखने की इस क्षमता के बारे में जानते हैं, वे कहते हैं कि इस लड़की की आंखें में एक्स-रे मशीन हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक नताशा की आंखों का कई बार टेस्ट लिया जा चुका है। नताशा इंसान की शरीर में पल रही बीमारी को अपनी आंखों से देख लेती हैं। अब तक नताशा ने जिन लोगों के बारे में जो कुछ देखकर बताया, डॉक्टरों के एक्स-रे में भी वही निकला। 2004 में ब्रिटेन में डिस्कवरी चैनल पर नताशा नजर आई थीं। नताशा की एक्स-रे वाली आंखों के पीछे वजह क्या है? जानें अगली स्लाइड में-
नताशा की देखने की क्षमता में इजाफा 10 साल की उम्र में हुआ था। उस इंसान के शरीर के अंदर तक दिखाई देने लगा। इंटरनेट पर प्राप्त जानकारी के मुताबिक नताशा की देखने की क्षमता उसके अपेंडिक्स के ऑपरेशन के बाद बढ़ी।
नताशा बताती हैं- ''मैं अपनी मां के साथ अपने घर पर थी जब अचानक से मुझे कुछ दिखा। मैं अपनी मां के शरीर के अंदर तक देख सकती थी और मां को उनके शरीर के अंगों के बारे में बताने लगी। अब, मेरी दृष्टि आम लोगों की तरह नहीं है, यह अब मेडीकल विजन हो गया है। एक सेकंड में मैं किसी के भी शरीर के अंदर रंगीन तस्वीरें देख लेती हूं और उनके बारे में बताने लगती हूं।''
नताशा की देखनी की इस क्षमता के बारे में चर्चा आस-पड़ोस में होने लगी। बीमार लोग उसके घर के बाहर अपनी बीमारी का पता लगाने के लिए जमघट लगाने लगे। नताशा की कहानी जब स्थानीय डॉक्टरों को पता लगी तो उन्होंने उसका टेस्ट लेना शुरू किया। उसे एक स्थानीय बच्चों के अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसने बच्चों को चेक किया। तब नताशा तस्वीरें बनाकर डॉक्टरों का बताती थी कि उसने क्या देखा। एक बच्चे के पेट में अल्सर था, नताशा ने उसे कागज पर उकेरकर डॉक्टर को बताया।
एक बार तो एक महिला को डॉक्टरों ने कैंसर बता दिया था, लेकिन जब वह नताशा के पास गई तो उसने बताया कि उसे कैंसर नहीं, बल्कि उसके शरीर में छोटा सा सिस्ट है। उसके बाद महिला ने दूसरी जगहों पर चेकअप कराए और नताशा की बात सही निकली। उसे कैंसर नहीं था।
नताशा की कहानियां अखबारों के जरिये यूके पहुंचने लगीं। द सन में छपी खबर के मुताबिक 2004 में नताशा को टेस्ट के लिए यूके ले जाया गया। नताशा ने एक आदमी की उन चोटों के बारे में बताया जिसका साल भर पहले कार एक्सीडेंट हुआ था। इंग्लैंड में नताशा ने क्रिस स्टील नाम के एक डॉक्टर को भी एक टीवी शो 'दिस मॉर्निंग' में अपनी काबिलियत का परिचय दिया। नताशा बता देती थी कि किस मरीज की किडनी में पथरी हैं, किसका लिवर बढ़ा हुआ है। डॉक्टर जब चेक करते तो नताशा की बातें सही निकलतीं। एक आदमी की आहारनाल में ट्यूमर था लेकिन नताशा ने बताया कि उससे उसे जान का खतरा नहीं है।
फिर एक दिन डिस्कवरी चैनल ने न्यूयॉर्क में नताशा का टेस्ट लिया। सात मरीज लाए गए थे और नताशा को उनमें किन्हीं पांच को डायग्नोस करना था। नताशा चार को डायग्नोस कर सकी और उसे बताया गया कि वह टेस्ट में फेल हो गई। यह एक्सपेरीमेंट आज तक एक विवाद का मुद्दा बना हुआ है। बाद में टोक्यो डेंकी यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर योशियो माची ने नताशा का टेस्ट लिया। उस टेस्ट में नताशा पास हो गईं। नताशा एक मरीज के प्रोस्थेटिक घुटने और एक प्रेग्नेंट महिला के बारे में सही जानकारी दे पाई थी।
बाद में नताशा ने मरीजों से फीस लेना भी शुरू कर दिया। जनवरी 2006 से नताशा ने अपने सेंटर ऑफ स्पेशल डायग्नोस्टिक के लिए काम करना शुरू कर दिया। यहां वह कुछ एक्सपर्ट की एक टीम के साथ काम करती है। लेकिन नताशा डेमकीना की आंखें अब तक अनसुलझी पहेली बनी हुई हैं।
नताशा अपनी इस खूबी के कारण दुनिया भर से सुर्खियां बटोर रही हैं। जरा सोचिये कि अगर आपकी आंखें नताशा की तरह देख सकतीं तो आप कहां नजर डालते और क्या क्या देखते? आप चाहें तो अपनी बात कमेंट्स बॉक्स में शेयर कर सकते हैं। और, हां... यह स्टोरी अगर दिलचस्प लगी तो इसे भी जरूर शेयर करें।