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अमेरिका ने पाकिस्तान की कनपटी पर फोड़ा 'बमों का बाप'! आकार ट्रक के बराबर, वजन 10 टन

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Sat, 15 Apr 2017 12:53 PM IST
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Viral and Trending GBU-43/B, Attack on Afganistan with Mother of all bombs
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इस बम का नाम है लोग इसे 'बमों के बाप' की संज्ञा दे रहे हैं। लेकिन इसमें आखिर ऐसा क्या खास है? ये एक नॉन-न्यूक्लियर बम है। यही वजह है कि सब इस हथियार को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस बम का वजन पूरे 10 टन है और इसी से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसने कितन भारी तबाही मचाई होगी। इस ब्लास्ट को 20 मील की दूरी से भी देखा जा सकता था। इस बम की कीमत 16 मिलियन डॉलर है। अब तक ऐसे 20 बम तैयार किए गए हैं जिनपर अमेरिका ने 314 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं। इस बम से किसी तरह का धमाका नहीं होता बल्कि इससे लगी आग से चारों तरफ की ऑक्सीजन सूख जाती है और लोगों का दम घुट जाता है और लोग झुलस कर मर जाते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि ये हमला पूर्वी अफगानिस्तान पर किया गया है। पूर्वी अफगानिस्तान का बॉर्डर पाकिस्तान से बिल्कुल जुड़ा हुआ है। देखा जाए तो ये हमला पाकिस्तान की कनपटी पर हुआ है।


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इस बम को मूल रूप से सद्दाम हुसैन को परास्त करने के लिए 2002 में ही तैयार कर लिया गया था। अंग्रेजी मीडिया इसे 'मदर ऑफ अॉल बॉम्स' कह रहा है। लेकिन रूस की तरफ से इसपर एक आक्रामक प्रतिक्रिया आई है जिसमें उसने कहा है कि हमारे पास इससे भी बड़ा बम है जिसे लोग 'फादर ऑफ अॉल बॉम्स' कह रहे हैं। ये करीब 44 टन का है। इन बमों की खासियत ये है कि इनमें एटमोस्फियरिक ऑक्सीजन होता है जो अधिक हिस्से को प्रभावित करता है। 
 

एमओबीए का मतलब 'मैसिव अॉर्डिनेंस एयर ब्लास्ट बॉम्ब' है। इसे पहली बार किसी इस्तेमाल में लाया गया है। ये जमीन में फटने से पहले 60 फीट तक अंदर जा सकता है। फिलहाल इसे आईएसआईएस लड़ाकों को ध्वस्त करने के लिए छोड़ा गया। गौर करने वाली बात ये है कि ये हमला पूर्वी अफगानिस्तान पर किया गया है। पूर्वी अफगानिस्तान का बॉर्डर पाकिस्तान से बिल्कुल जुड़ा हुआ है। देखा जाये तो ये हमला पाकिस्तान की कनपटी पर हुआ है।


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पाकिस्तान के कई हिस्सों में काफी समय से आतंकवाद पनप रहा है और वो इसके लिए कुछ खास नहीं कर पा रहा है। अब लगता है इसका हर्जाना पाकिस्तान को भी भुगतना पड़ सकता है। ऐसा लगता है कि बड़ी शक्तियां अब नॉन न्यूक्लियर होने की राह पर चल पड़ी हैं। वो पर्यावरण को नुक्सान नहीं पहुंचाना चाहतीं। यही वजह है कि उसने इस बार सालों पुराने बम को इस्तेमाल किया है। लेकिन पाकिस्तान के लिए ये खतरे की घंटी है। अगर उसने जल्द ही इस विषय में कुछ नहीं किया तो जो हमला आज उसके बॉर्डर पर हुआ है वो बॉर्डर के इस तरफ भी हो सकता है। 
 

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