Home Fun Viral And Trending Supreme Court Says That It Will Not Interfere In Kohinoor Diamond Matter

ऐसे भारत वापस आ सकता है कोहिनूर!

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Sat, 22 Apr 2017 02:08 PM IST
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kohinoor - फोटो : hindustan times
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विस्तार


ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर 200 सालों तक राज किया और इस दौरान दुनिया के सबसे अमीर देशों में गिना जाने वाला देश, गरीब देशों की श्रेणी में आ गया। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए शशि थरूर को जरूर सुनना चाहिए। वो ब्रिटेन में जाकर वो सारी बातें बोलकर आते हैं जिनका वहां के स्टूडेंट्स को पता ही नहीं है। भारत राजा-महाराजाओं के समय से ही रत्नों के मामले में बहुत अमीर था। लेकिन ब्रिटिश शासन में यहां से सारे बहुमूल्य रत्न भारत से छीन लिए गए। इनमें सबसे बड़ा रत्न है कोहिनूर हीरा जो दुनिया में अपनी तरह का इकलौता है। ये भी भारत के पास नहीं है। ये ब्रिटेन की महारानी के मुकुट की शान बढ़ा रहा है।

भारतीय अक्सर ही इसे वापस लाने की बात करते हैं। हम कहते हैं कि ये हमारा है और ब्रिटेन को इस हीरे को वापस कर देना चाहिए। ये मसला कई बार बहस का मुद्दा बन चूका है लेकिन कभी इसका कोई हल नहीं निकल कर आ पाया। हाल ही में एक खबर आई कि इसकी नीलामी होने वाली है। इसपर कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में एक पिटीशन दाखिल की कि भारत को यूनाइटेड किंगडम से कहकर इसकी नीलामी रुकवानी चाहिए और इसे भारत के लिए वापस मांगना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस विषय पर अपना फैसला सुनाया है।
 

जस्टिस जेएस खेहर की बेंच ने कहा कि वो किसी विदेशी सरकार से ये नहीं कह सकते कि वो अपनी चीज की नीलामी न करें। कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि वो किसी ऐसी प्रॉपर्टी के लिए निर्देश जारी नहीं कर सकते जो विदेश में है। उन्होंने कहा कि हमें बड़ी हैरानी हो रही है कि कोर्ट में ऐसी चीजों के लिए भी पिटीशन दाखिल हो रही हैं जो अमेरिका और यूके में है। ये किस तरह की रिट पिटीशन है? 

लेकिन कोर्ट ने इसके लिए एक तरीका भी सुझाया जिससे कोहिनूर को भारत में वापस लाया जा सकता है।
 

कोर्ट ने कहा कि अगर भारत सरकार चाहे तो बात-चीत और बेहतर कूटनीति अपनाकर ब्रिटेन से इस बारे में बात कर सकती है। ये पिटीशन एक एनजीओ ने दाखिल की थी जिसका नाम है आल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट और हेरिटेज बंगाल।

इन याचिकाओं में लिखा था कि भारत को 1947 में ही स्वतंत्रता मिल गई थी लेकिन अब तक की किसी भी केंद्र सरकार ने ब्रिटेन से कोहिनूर हीरा वापस भारत लाने का कोई भी प्रयास नहीं किया है। 
 

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने जवाब में कहा था कि कोहिनूर हीरे को न तो चोरी किया गया था न ही इसे जबरदस्ती छीना गया था बल्कि इसे पंजाब के शासकों द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को उपहार स्वरुप दिया गया था। इसके बाद एपेक्स कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या सरकार कोहिनूर पर अपना दावा जताना चाहती है? तब केंद्र ने कहा था कि कोहिनूर को वापस लाने की बात संसद में समय-समय पर उठती रही है। 

कोहिनूर का अर्थ होता है रौशनी का पहाड़। ये एक बड़ा हीरा है जो चौदहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत में मिला था। ये 108 कैरट का पत्थर है जो ब्रिटिश हाथों में चला गया था। आजादी के बाद से ही इस मसले पर चर्चा होती रही है। भारतीय इसपर अपना दावा जताते हैं और सरकार से इसे वापस लाने की मांग करते हैं।
 

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