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जापान के एक चिड़ियाघर में करीब 57 बंदरों को जानलेवा इंजेक्शन देकर मार दिया गया है। उन्हें जानबूझ कर मौत के घाट उतारा गया है। ऐसा करने के पीछे की वजह जानकार आपको बहुत ज़्यादा गुस्सा आ सकता है।
इन बंदरों को केवल इस वजह से मार दिया गया क्योंकि जापानियों को इन बंदरों की प्रजाति से दिक्कत थी। दिक्कत ये थी कि ये बंदर क्रॉस ब्रीडिंग से पैदा हुए थे। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें दिक्कत की क्या बात हो सकती है, तो हम आपको बता दें कि बंदरों की एक प्रजाति को जापान में 'इनवेसिव एलियन स्पिसीज़' घोषित कर दिया गया है। जब से ये खबर इंटरनेट पर वायरल हुई है तभी से लोग बहुत गुस्से में हैं।
टोकागोयामा नेचर ज़ू में एक तिहाई बंदर ऐसे पाए गए जिनका जन्म मकैक बंदरों से क्रॉस ब्रीडिंग की वजह से हुआ था। ये वही बंदर हैं जो भारत में आमतौर पर पाए जाते हैं। मकैक बंदरों पर जापान में बैन लगा हुआ है।
इस चिड़ियाघर में 164 बंदर थे जिन्हें शुद्ध जापानी मकैक माना जाता है। मगर इन स्नो बंदरों में से कुछ बाड़े से भाग गए और उन्होंने बाहर के जंगली बंदरों के साथ ब्रीड कर लिया। यही वजह थी कि इन बंदरों को मारना पड़ा।
एक अधिकारी ने जापान टाइम्स को बताया कि स्वदेशी माहौल को बचाए रखने के लिए इन बंदरों को मारा गया। प्रशासन किसी तरह के विशुद्ध बंदर नहीं चाहता था। सबसे बड़ी बात कि इस चिड़ियाघर ने पास के एक बौद्ध मंदिर में उन मृत बंदरों के लिए एक शोक सभा भी आयोजित की।
ये खबर मिलने के बाद लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पूछा कि क्या इन बंदरों को मारने के बजाए देश से बाहर नहीं भेजा जा सकता था?
ऑफिस फॉर एलियन स्पिसीज़ मैनेजमेंट के अधिकारियों ने कहा कि इस कृत्य को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हालांकि सरकार द्वारा जिन प्रजातियों को एलियन प्रजाति की श्रेणी में शामिल किया गया है, उन्हें रखना जुर्म है। लेकिन मारने से बेहतर होता कि इन बंदरों को किसी ऐसी जगह पर रखा जाता जहां से ये भाग नहीं पाते।
आपको क्या लगता है किसी प्रजाति से अगर दिक्कत है तो क्या उसे मार देना ठीक है? जानवर बेज़ुबान होते हैं वो विरोध नहीं कर सकते। तो क्या उनको ऐसे मौत के घाट उतार देना सही है? इन अधिकारियों को जवाब देना होगा। किसी बेज़ुबान को मारने का ये कारण तो बिल्कुल नाकाफ़ी है।