Home Fun How Indian Navy Submarine Data Leak Is A Matter Of Concern For All Of Us

इंडियन नेवी के पनडुब्बी की डाटा लीक और आपको फ़िक्र करने की जरूरत है, क्यों?

Updated Fri, 26 Aug 2016 05:34 PM IST
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विस्तार

इंडियन नेवी ने एक सबमरीन तैयार किया। नाम है स्कोर्पीन। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। कल अचानक से खबर आई कि इस सबमरीन की डाटा लीक हो गई। सब जगह हैडलाइन चल गई। डाटा लीक हो गई। आप ने भी खबर पढ़ा भूल गए। नई खबरें आ गई। लेकिन, अब देश की सिक्योरिटी की बात है तो आपको फ़िक्र करने की जरूरत है कि नहीं? हम बता रहे हैं, आराम से।

पहले ये स्कोर्पीन सबमरीन कौन बना रहा था?

स्कोर्पीन सबमरीन बना रही थी मुंबई की मझगांव डॉक लिमिटेड और फ्रांस की कंपनी 'डीसीएनएस'। ये प्रोजेक्ट पीक पर आया साल 2014 के बाद। जब सेंटर में बीजेपी की सरकार आई। जिसके बाद 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम लॉन्च हुआ था। अच्छा ये जो सबमरीन(पनडुब्बी) बन रहा था, वो प्रोजेक्ट-75 के अंदर बन रहा था। प्रोजेक्ट-75 में इंडिया के सबमरीन ताकत को बढ़ाने के लिए कुछ और सबमरीन बनाने की पूरी तैयारी है।

कहां लीक हुआ, क्या लीक हुआ?

ये जो डोक्युमेंट लीक हुआ वो ऑस्ट्रेलिया के एक न्यूज़ पेपर में छपा। नाम है द ऑस्ट्रेलियन। इन लोगों के पास कहां से आया, कौन दिया अभी ये सब कुछ साफ़ नहीं है। इंडियन नेवी और डिफेंस मिनिस्ट्री इसको पता लगाने में लगी है। जो डॉक्युमेंट लीक हुआ है वो 22,400 पेज का है। हां 22,400 पेज, जिसमें इंडिया के प्रोजेक्ट-75 के तहत जो और 5 सबमरीन बनने हैं उन सब की सीक्रेट कॉम्बैट प्लान है।
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और ये हम नहीं कह रहे हैं। ये बात ऑस्ट्रेलिया के उसी अखबार की वेबसाईट पर छपी है। अब आपको अंदाजा लग गया होगा। ये आपके लिए कितना जरूरी मामला है।

अब आपको परेशान होने की जरूरत क्यों है?

आपको परेशान होने की जरूरत इसलिए है क्योंकि ये देश की सिक्यॉरिटी का मामला है। अब जब देश ही सिक्यॉर नहीं है तो हम और आप क्या ख़ाक सुरक्षित रहेंगे।

दूसरी बात ये कि अभी स्कोर्पीन सबमरीन 6 बनने हैं। जिनमें से सिर्फ एक का ट्रायल अभी हुआ है। 2020 तक इन सभी 6 की डिलीवरी होनी है। प्लान के हिसाब से। इंडिया के पास अभी तक मात्र 13 डीजल सबमरीन हैं। और वो भी जो हैं वो बहुत पुराने हैं। बगल में चीन के पास 54 सबमरीन हैं। पाकिस्तान अपने लिए 8 नए सबमरीन ला रहा है। तो ये जो स्कोर्पीन क्लास के 6 सबमरीन हैं हमारे लिए बेहद ही जरूरी हैं।

अब अगर यहां से डिजाईन में कुछ चेंज करने की सोचें भी तो ये मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। क्योंकि जो खबरें आ रही हैं, उनके मुताबिक़ इन सभी सबमरीन का काम उस जगह पर पहुंच गया है, जहां से डिजाईन में कोई चेंज अब संभव नहीं है। इसीलिए सीक्रेट डाटा लीक होना डरने वाली बात है।

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या फिर इतने फ़िक्र की बात नहीं है?

अब आते हैं। इंडिया के जो डिफेन्स के एक्सपर्ट लोग क्या बोलते हैं। उनका कहना है कि ये जो डाटा लीक हुआ है। वो 22,400 पेज का है। जिसमें से बहुत ही कम चीज़ें उस अखबार में छपी हैं। दूसरी बात ये कि ये जो डाटा लीक हुई हैं वो देश की सिक्योरिटी के लिए बहुत खतरे की बात नहीं है। ऐसा क्यों?

इंडियन एक्सप्रेस में एक एडिटोरियल छपी है। जिसमें लिखा गया है कि डिफेन्स के जो एक्सपर्ट लोग हैं। उन लोगों ने डॉक्युमेंट को देखा। पूरा नहीं जो जरूरी रहा होगा उतना। तो उनलोगों का कहना था कि इन डॉक्युमेंट में जो कुछ टेक्निकल डाटा वगेरा लीक हुई हैं उससे इंडिया के जो दुश्मन देश हैं या वो देश जो इंडिया के लिए खतरे का हो सकते हैं। उनको इससे बहुत फायदा नहीं मिलने वाला।

क्योंकि, हर एक पनडुब्बी का एक सिग्नेचर कोड होता है जो ट्रायल के बाद ही सामने आता है। और ये कोड हर पनडुब्बी का अलग होता है। जैसे अभी तक इंडियन नेवी के पास ही इन सभी सबमरीन का कोड नहीं है।

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तो मिला जुला के बहुत ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि जब इतनी सीक्रेट डाटा लीक हो जा रही हैं। तो हमारे आपके डॉक्युमेंट का क्या! ये तो ऐसे ही झटक के ले जाएंगे।

अच्छा इतना कुछ होने के बाद भी पता नहीं ये सरकार कब सुधरेगी। ये सरकार मतलब जो अभी है वो नहीं। जो अब तक रही हैं, सब। क्योंकि इनके टॉप के अफसर भी आपस में जीमेल(Gmail) से डॉक्युमेंट और बातें कर लेते हैं। जैसे जीमेल इनके घर वालों का बनाया हुआ है। जो अगर कभी अमेरिका का दबाव बना तो सब कुछ उनके सामने परोस नहीं देगा। है कि नहीं! सोचियेगा!


और जब ज्यादा सोचने का मन ना करे सिर्फ सब कुछ जान लेने का मन करे तो हमारी गली आ जाइएगा। हमारा पता है Firkee.in


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