साल 2016 में हम 67वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। भारतीय संविधान के जश्न को मनाता ये दिन जब भी आता है एक गौरव का एहसास हर भारतीय को होता है। आइए हमारी सीरीज़ में पढ़िए भारत की कुछ ऐसी बातों के बारे में जो भारत की आन बान और शान हैं। जिन्हें जानकर आप भी कहेंगे #ऐसा देश है मेरा :D...आज जानिए भारत की ताकत इंडियन नेवी के बारे में-
1971 के युद्ध में 4 दिसंबर के दिन भारतीय नौसेना ने पाकिस्तानी नेवी पर जबरदस्त जीत हासिल की थी। उसी जीत की याद में हर साल 4 दिसंबर को 'भारतीय नौसेना दिवस' मनाया जाता है। जानिए क्या है भारतीय नौसेना की ताकतें, कौन से हैं देश के सबसे खतरनाक पोत, पनडुब्बियों की क्या है ताकत और कैसे संघर्ष करते हैं हमारे सोल्जर्स।
आज भारतीय नौसेना के पास एक बेड़े में पेट्रोल चालित पनडुब्बियां, विध्वंसक युद्धपोत, फ्रिगेट जहाज, कॉर्वेट जहाज, प्रशिक्षण पोत, महासागरीय एवं तटीय सुरंग मार्जक पोत (माइनस्वीपर) और अन्य कई प्रकार के पोत हैं।
आई एन एस विक्रमादित्य
आई एन एस (INS) विक्रमादित्य पूर्व सोवियत विमान वाहक एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम है, जो भारत द्वारा हासिल किया गया है। पहले अनुमान था कि 2012 में इसे भारत को सौंप दिया जाएगा, किंतु काफी विलंब के पश्चात् 16 नवम्बर 2013 को इसे भारतीय नौसेना में सेवा के लिए शामिल कर लिया गया। दिसंबर अंत या जनवरी आरंभ में यह भारतीय नौसैनिक अड्डा कारवाड़ तक पहुंच जाएगा।
भारतीय नौसेना पोत विराट
भारतीय नौसेना पोत विराट (आई एन एस विराट) भारतीय नौसेना में सेंतौर श्रेणी का एक वायुयान वाहक पोत है। भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति (फ़्लेगशिप) का यह पोत लंबे समय से सेना की सेवा में है। भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी। इस समय यह हिंद महासागर में उपस्थित दो वायुयान वाहक पोतों में से एक है।
आईएनएस कोलकाता
आईएनएस कोलकाता - डी-63, भारत में अब तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16-अगस्त, 2014 को मुंबई स्थित नौसेना गोदी में ‘आईएनएस कोलकाता’ भारतीय नौसेना को सौंपा। इसमें लगी ज्यादातर प्रणालियां स्वदेश निर्मित हैं जिनमें सीएमएस, एसीएस, एपीएमएस, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम और एचयूएमएसए एनर्जी प्रणाली प्रमुख हैं। आईएनएस कोलकाता की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिए अत्यंत आरामदेह है।
आई एन एस कोच्चि
आई एन एस कोच्चि (INS Kochi, D-64) भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत है जिसे 30 सितम्बर 2015 को नौसेना में शामिल किया गया। यह आईएनएस कोलकाता के बाद कोलकाता-श्रेणी विध्वंसक श्रृंखला का दूसरा युद्धपोत है।
आई एन एस विशाखापत्तनम
देश में ही बना युद्दपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को 20 अप्रैल 2015 को मुबंई के समुद्र में उतारा गया। एक ओर जहां ये अत्याधुनिक हथियारों लैस है, वहीं दूसरी ओर ये दुश्मन के मिसाइल को चकमा देने में भी सक्षम है। वजह यह है कि इसे स्टेल्थ तकनीक से बनाया गया है। इतना ही नहीं ये एटमी, जैविक और रासायनिक हमले के हालात में भी चुनौतियों का सामना कर सकता है। प्रोजेक्ट 15-बी के तहत इसे मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है।7,300 टन वजनी ये नौसेना का सबसे बड़ा डिस्ट्रॉयर यानी कि विध्वंसक है, जिसमें आठ ब्रहोम्स मिसाइल लगे हैं।
पनडुब्बियाँ
सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना द्वारा प्रयोग की जाने वाली डीज़ल-बिजली चलित पनडुब्बियाँ हैं। ये रूस और भारत के मध्य हुए समझौते के तहत बनी हैं।
इन पनडुब्बियों की विस्थापन क्षमता 3000 टन है। अधिकतम गहराई 300 मीटर व अधिकतम गति 18 नॉट है। 53 नाविकों के साथ यह 45 दिन तक अकेले ऑपरेट कर सकती है। भारतीय पनडुब्बियां सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुवीर, सिंधुरत्न, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुरक्षक, सिंधुराष्ट्र।
परमाणु पनडुब्बियाँ
भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है।
मार्कोस
भारत के मार्कोस (मरीन) कमांडो सबसे ट्रेंड और एडवांस माने जाते हैं। मार्कोस को दुनिया के बेहतरीन यूएस नेवी सील्स की तर्ज पर ट्रेंड किया जाता है। मार्कोस कमांडो बनने के लिए कड़े मुकाबले से गुजरना होता है। 20 साल उम्र वाले प्रति 10 हजार युवा सैनिकों में एक का सिलेक्शन मार्कोस के लिए होता है।
https://youtu.be/IVYsMmo0uH0
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।