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इस शख्स के पास भगवान का दिया सब कुछ था। पैसा, बंगला, गाड़ी और फाइव स्टार लाइफ स्टाइल। दिन समंदर के बीच शानदार यॉट पर पानी के छीटों की ठंडी फुहारों के बीच हसीनाओं से गलबहियां करते हुए गुजर रहे थे तो रातों में भी किसी भी तरह की जगमगाहट की कमी न थी। बेशुमार दौलत के धनी इस शख्स की जिंदगी में शायद ही कोई शौक ऐसा रहा, जिसका लुत्फ इसने लिया न हो। यही वजह रही लोग इसे 'प्लेबॉय' कहने लगे। लेकिन एक दिन... एक घटना ने इसकी जिंदगी को बदलकर रख दिया। खास बात यह है कि इस शख्स के जरिए कइयों की जिंदगी भी बदली। आप पूरी कहानी पढ़ेंगे तो बहुत संभावना है कि आपको भी जिंदगी में कुछ कर गुजरने की प्रेरणा जरूर मिलेगी।
38 वर्षीय माजी ड्युमेटो को एक हादसे ने पूरी तरह बदल दिया। यूं कहें तो एक हादसे ने प्लेबॉय को साधू बना दिया। बेसहारों और बीमारों का मसीहा बना दिया। ड्युमेटो की कहानी रॉबिनहुड से जुदा है, लेकिन उसी तरह की इमेज कुछ पल के लिए जरूर बना देती है, जो अमीरों का पैसा लूटकर गरीबों में खर्च कर देता था।
ड्युमेटो पैदा तो सीरिया के दमिश्क में हुए लेकिन पले-बढ़े दुबई में। कारोबार भी दुबई में किया। तकरीबन 20 करोड़ रुपए के आसामी ड्युमेटो आजकल ब्राजील में बेहद सादगी पसंद जिंदगी गुजार रहे हैं। वह एक वैन में रहते हैं।
ड्युमेटों ने वेब डिजाइनिंग, मार्केटिंग और प्रॉपर्टी के कारोबार से करोड़ों की दौलत कमाई। एक दिन वह अपनी फेरारी कार से कहीं जा रहे थे। उन्हें कार चलाते हुए नींद आ गई। कार एक ट्राले में जा घुसी। उनके पीछे पांच कारें एक-दूसरे से और भिड़ गईं। इस हादसे के लिए उन्हें जेल हुई। जेल में उनकी मुलाकात उनकी एक पूर्व प्रेमिका के पिता से हुई, जिन्हें वह पहले से जानते थे। उन्होंने ड्युमेटो को आराम करने के लिए एक गद्दा उपलब्ध कराया। ड्युमेटो उस गद्दे पर बैठे और उन्होंने अपने पास नजर फैलाई तो उनकी तरह ही और भी कैदी उसी अवस्था में दिखाई दिया। तब ड्युमेटो के मन में सवाल कौंधा कि बेशुमार दौलत होने के बावजूद वह दूसरे लोगों की तरह ही नजर आ रहे हैं। उन्हें अहसास हुआ कि वह दुनिया से अलग नहीं, बल्कि उसकी सात अरब की आबादी वाले लोगों की तरह ही यानी सबसे पहले एक आम इंसान है। बस, इस खयाल ने उनकी जिंदगी में बदलाव की नींव रख दी।
जेल से छूटने के बाद ड्युमेटो ब्राजील चले गए। एक दिन वह एक क्लब में थे, तभी किसी महिला की मधुर आवाज ने उन्हें आकर्षित किया। वह मिलेना थीं। मिलेना कांगों से लौटकर उस क्लब में वॉलंटियर का काम कर रही थीं। ड्युमेटो और मिलेना की केमेस्ट्री ऐसी पकी कि दोस्ती से आगे बढ़कर दोनों कब जीवनसाथी बन गए पता नहीं चला। मिलेना ने ड्युमेटो की जिंदगी में प्रेरणा का स्तर और ऊपर कर दिया। मिलेना के साथ उन्हें अहसास हुआ कि लोगों को उनकी दौलत की नहीं, उनके समय की जरूरत है।
सबकुछ ठीक चल रहा था कि अचानक मिलेना को ब्रेस्ट कैंसर हो गया। दुबई छोड़ते वक्त ड्युमेटो के पास करीब 20 करोड़ रुपए थे, जिनका एक-तिहाई हिस्सा उन्होंने मिलेना के इलाज के लिए खर्च कर दिया। मिलेना का इलाज कर रहे डॉक्टर कैंसर का एक प्रिवेंशन सेंटर भी बना रहे थे। ड्युमेटो ने उसके आसपास की बिकाऊ जमीन को खरीदकर बाकी के बचे पैसों से प्रिवेंशन सेंटर बनाने में उनकी मदद की। इसके लिए ड्युमेटो ने एक शर्त भी रखी। शर्त यह थी कि कैंसर प्रिवेंशन सेंटर से होने वाली कमाईका 50 फीसदी हिस्सा गरीबों के मुफ्त इलाज पर खर्च किया जाएगा। 2017 यानी इस साल के आखिरी तक तक कैंसर का यह प्रिवेंशन सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा।
इसके अलावा ड्युमेटों एक हीलिंग सेंटर भी चलाते हैं। यहां कैंसर के मरीजों के घरवालों और रिश्तेदारों के रहने और खाने की सुविधा की गई है। 32 बेड वाले इस सेंटर में तीमारदारों को मुफ्त भोजन दिया जाता है।
ड्यूमेटो हर किसी के लिए 'मुफ्त चिकित्सा' के पक्षधर हैं। इसके लिए वह अपना सबकुछ लगाने को तैयार हैं।
अमूमन हमारे समाज में बेशुमार दौलत कमाने को ही 'सफलता' का सर्टिफिकेट मान लिया जाता है, लेकिन वह सफलता अगर आपको 'सुकून' न दे पाए तो उसे विफलता ही कहा जाएगा। उस एक हादसे से ड्युमेटो ने यह सीख लिया। ... और आज उनसे दूसरे लोग भी सीख रहे हैं। ड्युमेटो उन जरूरतमंदों के मसीहा बन गए हैं।