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केविन पीटरसन भाई तो एकदम पारिवारिक निकले। अभी तक हम सुनते थे कि खेल के लिए खिलाड़ी लोग परिवार, सोशल लाइफ, दोस्ती सब कुछ दांव पर लगा देते हैं, पीटरसन भाई ने भी लगा दिया था।
जब मैदान में उतरते थे तो उनके बैट से निकली बॉल सीधे पवेलियन के बाहर जाती थी और पीटरसन भाई एकदम जब्बर बैट्समैन जैसे हर बॉल को मैदान से बाहर करने में जुट जाते थे। लेकिन जब से इनके दिल का हाल पता चला है केविन भाई के फैन एकदम चौके छक्के लगाने लग रहे हैं।
खराब परफॉरमेंस की वजह से पीटरसन को इंग्लैंड क्रिकेट की टीम से 2013-14 में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, एक बार किसी खिलाड़ी को टीम से निकाल दिया जाए तो वो वापस टीम में जगह बनाने में जुट जाता है लेकिन भाई ठहरे क्रिकेटर... उनको तो हर बॉल पर छक्का मारने की आदत है सो इस बार भी छक्का मारने जैसी बात कर दी है। बोले अच्छा हुआ कि हमने क्रिकेट छोड़ दिया वर्ना "हमारा घर ही टूट जाता।"
खबर आई मीडिया में। जहां उन्होंने बताया कि "हम क्रिकेट के मैदान का दवाब तो चौका- छक्का लगाकर झेल लेते हैं लेकिन घर की चार दीवारी के अंदर का दवाब किसी छक्के से खत्म नहीं होता है। और ये हर दिन बुरा और बुरा होता जाता है। मैं कई सालों तक क्रिकेट के दवाब को तो सहता रहा लेकिन घर का दवाब सहन नहीं हो रहा था लेकिन अब सब कुछ ठीक नजर आ रहा है बच्चों के साथ भी रिश्ते अच्छे हो गए हैं।"
क्रिकेटर पीटरसन को नेचर से बड़ा प्यार है। खासकर गेंडों से। केविन तो एकदम छुपे रुस्तम निकले, बोले की हो सकता है "ये सुनने में पागलपन लगे लेकिन मैं विलुप्त हो रहे गेंडों को बचाना चाहता हूं। ये महज 30 हजार ही बचे हैं अगर हम आज इन्हें नहीं बचाएंगे तो ये गेंडे खत्म हो जाएंगे।"
दक्षिण अफ्रीका में जन्में पीटरसन को परिवार से और अपनी जन्मभूमि अफ्रीका की भी परवाह है। वैसे घूमती घामती खबर है कि पीटरसन दक्षिण अफ्रीका की टीम में शामिल हो सकते हैं ऐसा उन्होंने ही जोश में कहीं कहा था लेकिन इस खबर की अभी पुष्टि हुई नहीं है।