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हिंदुस्तान में आप किसी से बात कर लें, दो मिनट में नियम कानून सिखा देगा। लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वो खुद अपने काम नियम और कानून के दायरे में रह कर करता हो। ये बड़ी विडंबना है इस देश की, कि हमें पता सब है लेकिन करना कुछ नहीं चाहते। अब आज जिन कानूनों के बारें में बता रहें हैं उनको आप हर चौराहे पर टूटते और बिखरते देखते होंगे, लेकिन कभी ऊफ नहीं की होगी।
सरकार चिल्ला चिल्लाकर थक गई कि नाबालिगों को गुटखा सिगरेट बेचना या नाबालिगों से गुटखा-सिगरेट बिकवाना.... दोनों गुनाह हैं। लेकिन हर नुक्कड़-चौराहे पर कोई न कोई नाबालिग मुंह में मसाला दबाए या बेचते हुए पान-सिगरेट के खोखे पर दिख जाएगा। अब कोई कहे कि उसे इस कानून के बारे में पता नहीं है, तो उसे बता दें कि जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन) एक्ट 2015 के अनुसार 18 साल से कम उम्र के लोग न तो गुटखा- सिगरेट खरीद सकते हैं और न ही बेच सकते हैं।
मतलब यहां तो सरकार मोटा पैसा खर्चा करती है आपको ये समझाने के लिए कि गाड़ी चलाते समय बात नहीं करनी चाहिए, लेकिन मजे की बात तो देखिए हम ओला और ऊबर जैसी सर्विस को लेकर डिजिटल इंडिया बनाने चले हैं। जहां ड्राइवर गाड़ी कम चलाते हैं और फोन ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। सरकार को इसके बारे में भी सोचना चाहिए।
क्या आपको पता है कि बिना पूछे वाई-फाई का इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है। ऐसा करने पर आपको 3 साल की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। लेकिन हमारी तो मेंटेलिटी ऐसी हो चुकी है कि भीड़ भाड़ वाले इलाके में नया वाई-फाई सर्च करते हैं कि क्या पता कोई अपना हॉट स्पॉट ऑन कर भूल गया हो।
टोरेंट सॉफ्टवेयर पर फिल्म डाउनलोड करना कानून अपराध है, लेकिन हिंदुस्तान में जितने भी हाइली क्वालिफाइड यंगस्टर हैं, ज्यादातर ने टोरेंट का इस्तेमाल जरूर किया होगा। अगर बात सही लग रही है तो ये पोस्ट शेयर करनी पड़ेगी।
जो लोग फेसबुक पर फर्जी नाम से अकाउंट बनाकर लोगों के दिल से खिलवाड़ किया करते हैं, उन्हें बता दें कि सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाना आइडेंटिटी थेफ्ट की कैटेगरी में आता है। ऐसा करने पर आपको जेल भी हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।