विस्तार
इस बात से आप या हम कोई इनकार नहीं करेगा कि हमारी सोसाइटी में महिलाओं को कई बंधनों और पुरुषों द्वारा बनाए गए रूल्स के अनुसार चलना होता है, या ये माना जाता है कि उन्हें वैसे ही करना चाहिए जिससे कि उसे आदर्श महिला माना जाएगा। लेकिन इन चीज़ों के बारे में इंडियन वुमन को अब सोचना छोड़ देना चाहिए।
इमोशनल होना
आपने कई बार सुना होगा कि किसी लड़के या आदमी के रोने पर लोग कहते हैं ‘क्या लड़कियों की तरह रो रहा है’। अगर फीमेल जेनेटिक तौर पर इमोशनल होती है तो इसमें छुपाने वाली या गलत बात क्या है।
ज्यादा पतला या ज्यादा मोटा होना
सोसाइटी द्वारा बनाए स्टैंडर्ड्स पर खरे उतरने के लिए वो आईडियल फिगर पाने के लिए इतनी मशक्कत क्यूं। आपकी बॉडी है तो आपके रूल्स ही होने चाहिए।
वर्जिनिटी
यकीन मानिए, आपने शादी से पहले सेक्स किया या कितने लोगों के साथ किया या नहीं किया तो क्यूं नहीं किया, इसके लिए आपकी कोई आलोचना या आपके बारे में कोई धारणा नहीं बनाएगा। हम तो बिलकुल नहीं बनाएंगे।
करियर को ज्यादा महत्व
अगर आपको अपने परिवार से ज्यादा अपनी जॉब पसंद है, आपको पता है कि आप एक दिन बहुत नाम कमाएंगी तो इसमें कोई बुराई नहीं। जब पुरुषों को महत्वाकांक्षी होने के लिए जज नहीं किया जाता है तो आपको भी नहीं किया जाना चाहिए।
हर चीज़ के लिए हां कहना
हमसे ये उम्मीद की जाती है कि घर के या बाहर के पुरुष जो कहें, उसे हमें मानना है। दूसरों को खुश करने लिए कभी कोई काम ना करें। ना कहना सीखें, अपनी खुशी को आगे रखें।
घर के काम में परफेक्ट
आपको कुकिंग नहीं आती, कोई बात नहीं, मेड रख लीजिए। क्योंकि आप फीमेल हैं इसलिए ज़रूरी नहीं कि घर के सारे कामों में आप निपुण हों।
अपने लिए थोड़ी फुर्सत
आपको पार्लर जाना पसंद है, शॉपिंग करना पसंद है, मूवी देखना पसंद है तो बिना कोई अपराधबोध के अपने को खुशी देने वाले काम कीजिए।
इंडीपेंडेट होना
आपके पास अच्छी जॉब है और आप अच्छे पैसे कमा रही हैं और आपको शादी नहीं करनी या किसी रिलेशन में नहीं पड़ना तो ठीक है, जब तक आप मेंटली किसी रिलेशन के लिए तैयार ना हों, तब तक ‘लोग क्या कहेंगे’ भूल जाइए।
सास-ससुर, पति या माता-पिता से सहमत होना
आपका अपना नज़रिया है, सोच है, विचार है, इसलिए सिर्फ घरवालों को बुरा ना लगे, इसके लिए उनकी हर बात से सहमत होना सही नहीं। खुद को व्यक्त कीजिए।