आपने इस बात पर ज़रूर ध्यान दिया होगा कि कैलकुलेटर के कीपैड पर सारे अंक नीचे से ऊपर की तरफ़ रहते हैं और वहीं मोबाइल में इसके उलट ऊपर से नीचे की तरफ़ नंबर लिखे होते हैं, पर ज़ीरो की दोनों जगह एक ही पोज़ीशन में रहता है और वो है नीचे! आपको पता है कि आखिर ये झोलझाल क्यों है?
पुराने मैकेनिकल कैश रजिस्टर डिज़ाइन करने वालों के मन में ये बात थी कि जो अंक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं उन्हें सबसे नीचे रखा जाए इसीलिए ज़ीरो हर मशीन में नीचे रखा गया और साथ ही बाकी नंबर भी नीचे से ही लिखे गए यानी 1,2,3... डिजाइनरों के मन में उस समय ये बात थी कि ये नंबर आंखों को एक नज़र में दिख जाएं।
बाद में जब इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर का आविष्कार हुआ तो उन्होंने ये पद्धति वैसी की वैसी अपना ली। इसलिए आज भी कैलकुलेटर में सारे नंबर नीचे से ऊपर की तरफ़ लिखे होते हैं।
वहीं दूसरी तरफ़ जब टेलीफोन बनने लगे घुमाने वाले डायल में पहला नंबर 1 रखा गया और वो ज़ीरो पर आकर रुकता था।
पर जब सामान्य की पैड वाले फ़ोन बनने लगे तो इंजिनियर्स ने ये तय किया कि ये नंबर ऊपर से नीचे की तरफ़ ही रखे जाएंगे क्योंकि यही सही तरीका है। काफ़ी डिज़ाइनों को चेक करने के बाद लोग इस नतीजे पर पहुंचे।
आप अगर अपने लैपटॉप के दाहिने हिस्से को देखें तो वहां भी जो कैलकुलेटर आपको दिया गया है उसमें भी नंबर नीचे से ऊपर की तरफ़ किसी आम कैलकुलेटर की तरह है।