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कई बार जिंदगी में समस्याएं बिन बुलाए आ जाती हैं, लेकिन एक समस्या बुलाकर ही आती हैं। इसे इंसान की मजबूरी समझें या उसकी नीयति, अगर आदमी नौकरीपेशा है तो कोई न कोई उसका बॉस जरूर होगा, और बॉस को बांस करने से कौन रोक सकता है! कम ही लोगों से बॉस की तारीफ सुनना। ज्यादर लोग ऑफिस में हों या घर पर या किसी रिश्तेदार के यहां पार्टी में ही क्यों न गए हों, वहां भी खड़ूस बॉस के किस्से खत्म नहीं होते। कुछ लोग तो हार मानकर कंपनी ही बदल लेते हैं। इससे यह बात भी सही लगती है कि लोग कंपनी नहीं बॉस बदलते हैं। लेकिन सच कहें तो बुरा बॉस भी बहुत कुछ सिखा देता है, अगर आप सीखने की दृष्टि रखते हैं तो।
धैर्य रखना सीख जाते हैं
खड़ूस बॉसों में एक बात कॉमन होती है कि वे हर वक्त एक जैसा मुंह बनाए रहते हैं, जैसे कि पेचिस लगी हो। एम्पलॉई कितना ही अच्छा काम क्यों न कर दे, लेकिन बॉस की नजर उसकी कीमत नहीं होती। कुछ बॉस को काम के चक्कर में एम्लॉई को बिना ओवरटाइम दिए शिफ्ट से चार घंटे ज्यादा काम करवा लेते हैं। कुछ की आदत होती है कि जैसे आपकी शिफ्ट होने वाली होती है, वे 10 मिनट पहले नया असाइनमेंट दे देते हैं और आप उन्हें मना भी नहीं कर सकते। कहने सुनने में यह बहुत खराब बात लगती है, लेकिन अगर आप पॉजिटिव हैं तो आप देखेंगे कि बॉस की इन हरकतों से आप के भीतर एक गजब का पेशेंस आ जाएगा। पुराने लोग भी कहते हैं कि धीरज से काम लेना चाहिए।
काम के आदमी बन जाते हैं
खड़ूस बॉस आपसे इतनी मेहनत करवा लेता है कि आप न भी चाहें तो भी रिसोर्सफुल हो जाते हैं। यानी आप इतने काम के आदमी हो जाते हैं कि अगर दूसरी जगह नौकरी करने पर होरे भर तारीफें बटोरने का इंतजाम कर लेते हैं।
टाइम मैनेजमेंट सीख जाते हैं
चूंकि खड़ूस बॉस का कर्मचारियों की एक मिनट की लेट-लतीफी हाजमा खराब हो जाता है, इसलिए कर्मचारियों में एक बात बिना सीखे ही डिवेलप हो जाती है। वो ही टाइम मैनेजमेंट की। क्यों बॉस की गालियां सुनने से बेहतर है कि समय पर काम कर लिया जाए।
होशियार होते चले जाते हैं
बॉस के बुरे बरताव से कोई नहीं डरता, बस आदमी उससे बचना चाहता है। इसलिए समझदारी से काम लेना ही पड़ता है। यानी बुरे बॉस का बांस कहीं न कहीं आपकी बुद्धिमता बढ़ाने में सहायक हो जाता है।
विषम परस्थितियों में आदमी हीरे की तरह निखर जाता है। बुरा बॉस भी विषम परिस्थिति के समान होता है, जिससे बचने के लिए एम्पलॉई में कुछ खूबियां साइलेंट मोड में पनप जाती हैं। काम करने की क्षमता बढ़ जाती है।
आत्मविश्वास बढ़ता है
लगातार काम करते रहने के कारण काम के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है। और यह बात आपको तब पता चलती है, जब आप कंपनी बदलकर कहीं दूसरी जगह जाते हैं।
दोस्त बन जाते हैं
किसी एक आदमी को लेकर जब सारे लोगों की राय एक ही हो, तो उनमें एकजुटता पनप ही जाती है। यानी बुरा बॉस आपको दोस्तों की लिस्ट लंबी करना का मौका देता है।
पॉजिटिव रहना सीख जाते हैं
और अगर आप यह समझ ही रहे हैं कि इतनी सारी चीजें आप बुरे बॉस की वजह से सीख जाते हैं, तो इसका मतलब है आपको बुरे बॉस से फर्क नहीं पड़ता है। क्यों? क्यों कि आपका नजरिया जो पॉजिटिव है। यानी बुरा बॉस आपको कुछ सिखाए या न सिखाए, पॉजिटिव रहना जरूर सिखा देता है।
अपने लिए खड़े रहना सीख जाते हैं
हर तरीके से आप जब आप इतनी खूबियां खुद में पाल लेते हैं, तो अपने लिए खड़े रहना भी सीख लेते हैं। आपके काम को लेकर कोई भी उंगली नहीं उठा पाता है।
काम से प्यार करना सीख जाते हैं
और आखिरी चीज ये कि खड़ूस बॉसों की तादात कम नहीं होती, आप जहां भी जाओ, एक न एक तो मिल ही जाता है, लेकिन बॉस के बांस करने से जिंदगी नहीं रुक जाती। इसलिए आप यह बात भी भलीभांति सीख जाते हैं कि कहीं भी जाएंगे तो बॉस कैसा भी हो, उससे आप तभी निपट पाएंगे जब काम के मामले में एकदम सही होंगे। यानी बुरा बॉस आपको आपके काम से प्यार करना सिखा देता है।