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मन को भीगा देने वाली बारिश अब नहीं होती!

Updated Mon, 27 Jun 2016 04:53 PM IST
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Raj-Kapoor-and-Nargis - Copy
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विस्तार

इस वक्त उत्तर भारत में भीषण गर्मी से बेहाल लोग मॉनसून का बेसब्री से इन्तज़ार कर रहे हैं। हल्की-हल्की बारिश, चाय  की चुस्कियों के साथ गरमा-गरम पकौड़ियों के चटकारे स्वाद वाला यह मौसम वाकई सबके मन को ताज़ा कर देता है। वैसे चाय-पकौड़े के साथ संगीत का भी एक अलग ही आनंद है। बचपन की बारिश में कागज़ की नाव तो हम सब ने चलाए होंगे। अब तो इतनी भी बारिश नहीं होती कि हम भीग पाएं। बारिश का दर्शन सिर्फ़ बॉलीवुड गानों और फिल्मों में होता है। आजकल तो बेमौसम बारिश होती है, और मौसम में इन्तज़ार करवाती है। वैसे बारिश में रोड पर खड़े होकर गोलगप्पे खाना भी एक अलग मज़ा देता है। बारिश का महीना प्यार करने वालों के लिए भी खास है। उन्हें इस महीने का बेसब्री से इनतज़ार होता है जिसमें वो भीग कर रुमानी हो सकें।

sonam_kapoor_in_rain_1292001353 - Copy वैसे बारिश और हिन्दी सिनेमा की दोस्ती सदियों से रही है। यकीन न हो तो एक नज़र डाल लीजिए। 1958 में आई फिल्म चलती का नाम गाड़ी में किशोर कुमार और मधुबाला पर फिल्माया गया गीत "एक लड़की भीगी-भागी सी" बहुत प्यारा गीत है। यह किशोर दा ने गाया था। फिल्म मंज़िल का गाना "रिमझिम गिरे सावन सुलग-सुलग जाए मन" आज भी लोगों का फेवरिट बना हुआ है। "भीगी-भीगी रातों में" फिल्म अजनबी से किशोर कुमार संग लता मंगेशकर की आवाज़ में एक मदहोश कर देने वाला गीत बारिश से जुड़े बेहतरीन गीतों की लिस्ट में शुमार है।

rain-songs - Copy "हाय-हाय ये मजबूरी" फिल्म रोटी कपड़ा और मकान का यह गीत काफी हिट हुआ था। लोग आज भी इसे मन से सुनते हैं। 1955 में ही आई राजकपूर और नरगिस की फिल्म श्री 420 का गाना "प्यार हुआ इकरार हुआ" आज भी संगीत प्रेमियों के दिल से जुड़ा है। "टिप-टिप बरसा पानी" इस गाने पर लोग आज भी थिरकते हैं। लेकिन अब आजकल के गानों में बारिश कम अश्लीलता ज्यादा दिखती है। फिल्म गुरू का गाना "बरसो रे मेघा-मेघा" गाना भी खुब चला, यह गाना देखने पर बिन बारिश ही मन भीग जाता है।

rain किसान के चेहरे पर सुकून लाती है बारिश। प्रेमी-प्रेमिकाओं के आलावा कभी-कभी बारिश आम लोगों के चेहरे पर भी खुशी लाती है। खासकर किसानों को इस मौसम का बेसब्री से इन्तज़ार रहता है जब उनकी सालभर की मेहनत पर बारिश की बौछार पड़ती है। फिल्म लगान का गीत "घनन-घनन घिर-घिर आए बदरा" इसी का उदाहरण है। बस अब बारिश का इन्तज़ार है, जाने कब होगी बारिश।


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