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यह तो हर कोई जानता है कि भारत में बिना शादी किए कपल्स को होटल में रूम बुक करने में काफी दिक्कते होती हैं। खासतौर पर अगर उनके पास लोकल ID हो और वो उसी शहर से हों। लोग यह भूल चुके हैं कि हम 21वीं सदी में हैं, और वयसक स्वतंत्र हैं। मगर
‘भारतीय संस्कृति’ की आड़ में ‘मोरल पुलिसिंग’ का डंडा होटल मैनेजमेंट को अपनी नियम उनके हिसाब से बदलने के लिए मजबूर करता है।
मगर अब शायद कुछ बदलाव आने वाला है। इंडिया में एक ऐसा स्टार्ट-अप शुरु हुआ जिससे शायद कपल्स के लिए चिजें बेहतर हो सकें।
‘StayUncle’ नाम के एक एप ने देश भर के होटलो से टाई-अप कर अनमैरिड कपल्स के लिए रूम सर्विस शुरु की है। इस सुविधा से एकांत तलाश रहे कपल्स को बिना किसी झंझट के प्यार के कुछ पल मिल सकेंगे।
यह स्टार्ट-अप
BITS पिलानी के ग्रेजुएट
संचित सेठी के दिमाग की उपज है। अगर हालिया स्थितियों को ध्यान में रखा जाए, तो इस सर्विस में बेहद दम नजर आता है। वेलेंटाइन्स डे हो या फ्रेंडशिप्स डे, कुंवारे कपल्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मोरल पुलिसिंग के नाम पर उन्हें डराया, धमकाया और पीटा जाता है। राजनीति की आड़ में गुंडागर्दी आम हो जाती है और कई दफा पुलिस भी इस काम में शामिल होती है। ऐसी भी बातें सामने आई हैं कि पुलिस कपल्स को तंग कर रही है।
संचित कहते हैं, “भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो अनमैरिड कपल्स को होटल में रूम बुक करने से रोके। अगर आपके पास सरकारी आई कार्ड है तो आपको कोई नहीं रोक सकता। हम 1950 में नहीं जी रहे। हम लोगों का मांइडसेट बदलने की कोशिश कर रहे हैं”
संचित ने
‘StayUncle’ की शुरुआत 2015 में की थी। शुरु में इसका मकसद उन ट्रेवलर्स को टारगेट करना था, जो किसी होटल में कम समय के लिए रुकना चाहते हैं। पूरे दिन की बुकिंग करना उनके लिए पैसे की बर्बादी है। मगर भारतीय होटल कम-से-कम 24 घंटो के लिए रूम्स की बुकिंग करते हैं।
सेठी ने कहा, “99% सवाल अनमैरिड कपल्स के लिए रूम्स से संबंधित थी। हम समझ गए कि हमें क्या करना है और हमने इस बार अनमैरिड कपल्स पर ही फोकस किया।”
इस स्टार्ट अप के जरिए आप 24 घंटो के बजाय, 8-12 घंटो के लिए रूम बुक कर सकते हैं। इस स्टार्ट-अप के जरिए रूम की कीमत ₹1400 से लेकर ₹5000 तक है
फिलहाल कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर के 34 और मुंबई के 10 होटलों के साथ टाई-अप किया है और धीरे-धीरे अपने पैर पसारेगी। इस लिस्ट में ट्राइडेंट और ऑबेरॉय जैसे नाम भी शामिल हैं। सभी होटल पूरी प्राइवेसी का दावा करते हैं।
यह तो नहीं जानते की इसका असर सही होगा या नहीं, मगर सोसाइटी की सोच बदलने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।