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फुर्सत के पलों में लोग दोस्तों के साथ कैफे में जाना पसंद करते हैं, हर कैफे की अपनी एक विशेषता होती है जो उसे दूसरों से अलग बनती है। लोग अपने स्वभाव के अनुसार अपना मनपसंद कैफे चुन लेते हैं। आज हम आपको ऐसे कुछ कैफे के बारे में बताएंगे जो अलग और बेहद खास हैं। जहां किसी कैफे में अपराधी खाना बनाते और परोसते हैं तो किसी कैफे में आप अपनी मर्जी का बिल दे सकते हैं।
जानें कौन से हैं वो कैफे
यह इकलौता ऐसा कैफे है जिसे एसिड अटैक पीड़िताएं संभाल रही हैं। 2014 में आगरा के ताज होटल के पास इसकी शुरुआत की गयी थी। यह एसिड विक्टिम को समाज से जोड़ने की नेक पहल है। इस कैफे में आप किताबें पढ़ सकते हैं, डोनेट कर सकते हैं, कॉफी के बिल का खर्चा आप मन मुताबिक दे सकते हैं। इस कैफे में wifi की सुविधा के साथ एक सुन्दर लाइब्रेरी भी है।
2010 में इसकी शुरुआत यह सोच कर हुई थी कि, यहां घूमने फिरने के शौकीन लोगों को इकठ्ठा किया जा सकता है। यहां खाते-पीते वक्त आपको पैसों की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। यहां फ्री wifi होने के साथ-साथ आप अपना बिल मन-मुताबिक दे सकते हैं। यहां की लाइब्रेरी में आप जितनी देर चाहें किताबें पढ़ सकते हैं।
यहां पर खाने-पीने के कोई प्राइस नहीं हैं। बिल के बदले एक नोट होता है, जिस पर लिखा होता है कि, 'यह खाना आपसे पहले आये किसी शख्स की तरफ से आपको तोहफा है, आप चाहें तो आपके बाद आने वाले को ऐसा ही तोहफा दे सकतें हैं' यहां कर्मचारी की जगह Volunteer हैं। इसकी ब्रांच मुंबई, अहमदाबाद और पुणे में हैं।
कई बड़े-बड़े अपराधी तिहाड़ जेल में रहते हैं और लम्बी सजा काटते हैं। ऐसे में यह फूड कोर्ट अपराधियों को सुधारने के लिए उन्हें सामान्य तौर पर समाज से जोड़ने की कोशिश करता है। यहां ऐसा माहौल बनाया जाता है कि अपराध खुद को एक आम इंसान समझें। इसमें काम करने वाले अपराधी 12वीं पास होने के साथ-साथ एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड भी रखते हैं, जेल प्रशासन विश्वास के साथ यहां उन्हें भेजता है। यहां आम रेस्टोरेंट में मिलने वाली हर चीज मिलती है।
केरला का यह रेस्टोरेंट 50 पैकेट रोज जरुरतमंदों के खाने के लिए फ्रिज में रखता है। आप भी इस फ्रिज में खाना रखकर अपना योगदान दे सकतें हैं। हफ्ते में दो दिन इस फ्रिज की सफाई होती है और इसकी सुरक्षा के लिए cctv कैमरा भी है।
दिल्ली में बने इस कैफे में आपको डॉग्स के साथ समय बिताने का मौका मिलता है। यह डॉग लवर्स के लिए बढ़िया जगह है। इस कैफे की शुरुआत दो बहनों ने अपने 20 डॉग्स के साथ की थी।