'विज्ञान वरदान या अभिशाप'
बचपन में आप में से हर किसी ने, जिसने भी मेरी तरह सरकारी स्कूल से पढ़ाई की होगी। इस पर एक लेख जरूर लिखा होगा। लेकिन ये वो दौर था जब हम विज्ञान को तकनीक से और तकनीक को प्रकृति से जोड़ कर लेख लिखते थे। लेकिन अब समय बदल गया है, अब तकनीक हमारी ज़िंदगी में घुसा हुआ है। हमारी ज़िंदगी की सतह के एक-एक जर्रे में बसा हुआ। जिससे हम खुद को बहुत ही ताकतवर समझने लगे हैं। बावजूद इसके कि हम इसके नुकसान भी समझते हैं।
ऐसी ही एक टेक्नोलॉजी है 'एस्केलेटर', मतलब चलने वाली सीढ़ियां। आप इसके सामने जाइए, ये चलना शुरू करेगा। फिर आप एक ही जगह खड़े-खड़े अपने निश्चित जगह तक पहुंच जाते हैं। लेकिन, अगर आपके दिमाग में कभी इस तरह का ख्याल नहीं आया हो अगर तो आज से डाल लीजिए।
क्योंकि जिस लापरवाही से लोग 'एस्केलेटर' का इस्तेमाल करते दिखते हैं, ख़ास कर मेट्रो स्टेशन्स पर, ये बेहद ही चिढ़ा देने वाली स्थिति होती है। मैंने खुद एक बार एक महिला की साड़ी को इससे खींच कर निकाला था। दुर्घटना होते-होते रह जाती हैं और हम भूल जाते हैं।
आज ऐसी ही कुछ दुर्घटनाओं की तस्वीर आपको दिखा रहे हैं। जो कि एस्किलेटर के इस्तेमाल में लापरवाही की वजह से हुए हैं।