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जिंदगी के हर सुख दुख में जितना साथ कोई अपना निभाता है, उतना ही साथ निभाता है ये 'छोटा कैरेक्टर'। ये कैरेक्टर दिखने में है तो बेहद छोटा लेकिन काम बड़े बड़े करता है। हम बात कर रहे हैं 'इमोजी आइकॉन' की। जो सीधे तौर पर हमारे इमोशन्स से जुड़ा हुआ है। रिलेशनशिप जोड़ने से लेकर तोड़ने तक हर एक दौर में इसका रोल एक एक्टर की तरह है।
एक खिलता फूल, धड़कता दिल और मुस्कराती आंखें मैसेज को नया रूप दे देती हैं। किस और फ्लाइंग किस फेंकता चेहरा, झूमता चेहरा और बंद आंखों वाला चेहरा आज तकरीबन हर किसी के स्मार्टफोन की जरूरत हैं।
17 जुलाई को 'वर्ल्ड इमोजी डे' होता है, इसकी शुरुआत 2014 में हुई थी। इमोजी शब्दों की कमी को पूरा कर देते हैं। एक बार में आपकी बातों का मर्म बता देते हैं।
पहला एमोजी सन 1998 में जापानी टेलीकॉम कम्पनी एनटीटी डोकोमो के कर्मचारी शिगेताका कुरीता ने बनाया था। हालांकि ये इमोजी 1998 से ही मार्केट में हैं लेकिन अब जाकर इन्हें लोग पहचानने लगे हैं इन्हें अहमियत देने लगे हैं।
पिछले कुछ सालों में एमोजी ने जितनी लोकप्रियता सोशल मीडिया पर हासिल की, उतनी किसी बड़े सेलिब्रिटी को भी नहीं मिली। इमोजी ने तस्वीरों में टोन, गहराई और ह्यूमर को बढ़ाया, चेहरों को नयापन दिया, क्यूट बनाया और तमाम तरह के पात्र इसमें शामिल किए। खासतौर से टेक्स्ट मैसेज को सार्थक बनाने में इनकी बड़ी भूमिका है।
दो जवान दिलों की धड़कन को रेगुलेट करने का काम अब इमोजी ने संभाल लिया है, तभी तो लोग इन्हें अपने संवाद का अहम हिस्सा मानने लगे हैं।