नॉर्थ कोरिया के वो खिलाड़ी जो रियो ओलंपिक में जीत नहीं पाए हैं वो अपने आप को पहले से ही अधमरा समझ रहे होंगे। क्योंकि उन्हें पता है कि यहां का तानाशाह किम-जोंग-उन उन्हें छोड़ने वाला नहीं हैं। ऐसा क्यों है हम बताते हैं। 2010 में जब नॉर्थ कोरिया पुर्तगाल से फुटबॉल वर्ल्डकप के मैच में 7-0 से हार गया था तो वहां के तानाशाह ने खिलाड़ियों को कोयले की खानों में काम करने भेज दिया था।
इस बार तानाशाह ने कहा था कि कम से कम 17 मैडल आने चाहिए जिनमें से 5 गोल्ड होने चाहिए। पर नॉर्थ कोरिया के हिस्से में केवल 7 मैडल आए हैं जिनमें से 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रोंज़ हैं। ज़ाहिर है ये खिलाड़ी किम जोंग उन के दिए गए टारगेट को पूरा नहीं कर पाए। इससे पता चलता है कि सभी खिलाड़ी कितने दबाव में खेल रहे थे।
इस गोल्ड जीतने वाले रेसलर का नाम है री से ग्वांग। इनकी शक्ल देखिए। इनको लोगों ने गोल्ड जीतने वाला सबसे दुखी व्यक्ति करार दिया है। जब गोल्ड जीतने वाला तक हंस नहीं पा रहा है तो सोचिए जिन्होंने कुछ नहीं जीता उनका क्या हाल हो रहा होगा। ख़ैर एक जनी ने एक और खतरनाक काम कर दिया है। एक नॉर्थ कोरियाई जिमनास्ट ने इस देश के कट्टर दुश्मन साउथ कोरिया की जिमनास्ट के साथ तस्वीर खिंचाई है।
और लोगों की मानें तो उनको सज़ा मिलना अब तय है। ये सेल्फी हर जगह तैर रही है। (नॉर्थ कोरियाई जिमनास्ट बाईं तरफ़ हैं)
ऐसा कहा जा रहा है कि जिन खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है उनको तानाशाह कोयले की खान में काम करने भेज सकता है। और वहां से उन लोगों के 1 से 2 साल तक लौटने की कोई उम्मीद नहीं है। इससे पहले किम जोंग इल खिलाड़ियों को मौत की सज़ा भी दे चुका है।
एक नॉर्थ कोरियाई ऑफ़िशियल ने कहा है कि सभी खिलाड़ियों का स्वागत किया जाएगा। पर इतिहास तो ऐसा नहीं बताता। हालांकि इन खिलाड़ियों के साथ जो भी होगा वो हम में से किसी को भी पता नहीं चलेगा क्योंकि नॉर्थ कोरिया घर की बातें घर में ही रखता है।