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दुनिया में शायद ही ऐसे लोग होंगे जिनको चॉकलेट नहीं पसंद होगी, जरा सोचिये चॉकलेट प्रेमियों को चॉकलेट की नदी बहती दिख जाये तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा। बच्चे हों या बड़े चॉकलेट का ख्याल आते ही हर कोई ऐसी ही बच्चों जैसी बात सोचता है लेकिन जर्मनी में असलियत में चॉकलेट की नदी बह निकली।
दरअसल, जेर्मनी के शहर वेस्टोनेन में ड्रेमीमिस्टर चॉकलेट फैक्ट्री से सोमवार रात 8 बजे, लिक्विड चॉकलेट बहकर पुरे रास्ते पर फैलने लगा।हालांकि, वह एक हादसा था और नगरपालिका के लिए सिरदर्द भी था।साथ ही, रोल्ड डाहल चॉकलेट के प्रेमियों के लिए इतनी बड़ी मात्रा में लिक्विड चॉकलेट का नदी की तरह बहना किसी सपने से कम भी नहीं था।
चॉकलेट फैक्ट्री का एक टैंक आवश्यकता से अधिक भर गया था जिसका कारण लिक्विड निकल कर जमीन पर गिरने लगा और थोड़ी देर में फैलते-फैलते वेस्ट्स्ट्रासे की सडकों पर पहुंच गया।जल्द ही, लीक हुआ लिक्विड चॉकलेट रिपोर्ट के अनुसार, लगभग एक टन दिसंबर की सर्द हवा में ठोस बन गया, और ऐसा लग रहा था जैसे वेस्टस्ट्रैस की सड़क को किसी खूबसूरत कंबल से ढंक दिया गया है।
वर्ल के अग्नि विभाग ने एक बयान में बताया कि, "दस वर्ग मीटर का चोको-पैनकेक बना है, ऐसा बयान इसलिए दिया गया जिससे घटना के बारे में पढ़कर चॉकलेट प्रेमी घबरा न जाएं।वर्ल के अग्नि विभाग ने कहा कि, सड़क लगभग दो घंटे तक बंद थी और काफी मेहनत से सफाई की गयी।
तस्वीर में सफाई करते फायरफाइटर्स को देखा जा सकता है कि वे फावड़े, मशाल और गर्म पानी का उपयोग करके कठोर चॉकलेट को हटा रहे हैं। ड्रेमीमिस्टर के मुख्य कार्यकारी मार्कस लकी ने जर्मनी के अखबार सोस्टर अंजीगर को बताया कि यह क्रिसमस के करीब होने वाली "आपदा" हो सकती है लेकिन चॉकलेट कारखाना बुधवार को फिर से खोल दिया जाएगा।
बता दें कि, यूरोप में ऐसी स्वादिष्ट गड़बड़ी पहली बार नहीं हुई है। एक साल पहले, पोलैंड की एक चॉकलेट फैक्ट्री में टैंक ओवरफ्लो के कारण लगभग 12 टन पिघला हुआ चॉकलेट सड़क पर फैल गया था।